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बांग्लादेश में प्रशिक्षण, भारत में घुसे, गुजरात में खडा कर रहे थे आतंक का जाल

  • ATS ने अल कायदा मॉड्यूल का किया पर्दाफाश

  • मददगारों की तलाश

गुजरात में आतंकी संगठन अल कायदा का नेटवर्क खड़ा किया जा रहा था। पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने अहमदाबाद में सक्रिय इस आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। 4 बांग्लादेशी गिरफ्तार किए गए हैं। इनके मददगारों की तलाश जारी है।

गिरफ्तार बांग्लादेशियों की पहचान मोहम्मद सोजिब मियाँ, मुन्ना खालिद अंसारी, अज़रुल इस्लाम अंसारी और अब्दुल लतीफ़ के तौर पर हुई है। विदेशी आकाओं के फरमान पर ये स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में जुटे थे। सोमवार (22 मई 2023) को इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ATS लम्बे समय से सोजिब मियाँ पर नजर रखे हुए थी। उसके फोन कॉल से लेकर मूवमेंट तक पर नजर थी। गुजरात ATS के DIG दीपेन ने बताया कि ATS को कुछ दिनों पहले इनपुट मिला था कि अल कायदा से जुड़े 4 बांग्लादेशियों ने सीमा पार की है और वे गुजरात में आतंकी संगठन का नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गए बांग्लादेशी स्थानीय युवाओं को अल कायदा में भर्ती होने के लिए कट्टरपंथी बना रहे थे।

गुजरात के ATS के डीआईजी ने बताया कि सबसे पहले सोजिब मियाँ से इस संबंध में पूछताछ की गई। पूछताछ में उसका असली नाम मोहम्मद सोजिब मियाँ अहमद अली निकला। उसकी निशानदेही पर ATS ने मुन्ना खालिद अंसारी, अज़रुल इस्लाम अंसारी और अब्दुल लतीफ़ को गिरफ्तार किया। ATS ने बताया है कि ये चारों बांग्लादेश में एक कपड़ा कारखाने में काम करते थे। यहीं एक-दूसरे के संपर्क में आए। इन सभी को बांग्लादेश में अल कायदा से शरीफुल इस्लाम ने जोड़ा। शरीफुल इस्लाम ने इनका परिचय साईबा नाम के अल कायदा के जिला प्रमुख से परिचय करवाया। उसने इन सभी को पैसे जुटाने, कट्टरपंथ फ़ैलाने, पुलिस से बचने, एप के जरिए बात करने आदि की ट्रेनिंग दी।

बांग्लादेश में इनको हथियार चलाने और जिहाद के प्रचार की भी ट्रेनिंग दी गइ्र। ट्रेनिंग के बाद चारों अवैध तरीके से सीमा पार कर भारत में घुसे और फिर अहमदाबाद आ गए। इनके पास से ATS को फर्जी आधार और पैन कार्ड भी मिले हैं। अल कायदा के मीडिया ग्रुप का आतंकी साहित्य भी मिला है। इन पर ATS ने UAPA सहित IPC की विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की है। अब गुजरात ATS को घुसपैठ में इनकी मदद करने वालों, इनके फर्जी पहचान पत्र बनवाने वालों और इन्हें गुजरात में शरण देने वालों की तलाश है।

स्रोत: ऑप इंडिया

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