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‘समान नागरिकता कानून’ मुसलमानों की स्वतंत्रता छीन लेता है’ – मौलाना अरशद मदनी के विषैले बोल

ध्यान दें ! समान नागरिकता कानून लागू होने से मुसलमान ४ विवाह नहीं कर सकेंगे, अल्पसंख्यक के नाते दी जानेवाली अन्य सुविधाएं रद्द हो जाएंगी, इसलिए मदनी पैर पटक रहे हैं – संपादक

‘जमियत उलेमा हिन्द’ के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी

सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)  ‘जमियत उलेमा हिन्द’ के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक समाचारवाहिनी द्वारा ली भेंटवार्ता में अल्पसंख्यक समुदाय के सूत्र पर भाष्य एवं समान नागरिकता कानून की आलोचना करते हुए दावा किया है ‘‘समान नागरिकता कानून मुसलमानों की स्वतंत्रता छीन लेता है ।’’

(सौजन्य: ABP NEWS)

मौलाना मदनी ने कहा …

१. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं । मेरा उनके साथ कोई बैर नहीं है । यदि ‍वे मुझे १० बार मिलने के लिए बुलाएंगे, तो मैं १० बार जाऊंगा । आगामी लोकसभा चुनाव में मुसलमान भारतीय जनता पार्टी के साथ होंगे; परंतु भाजपा को अपनी नीति में परिवर्तन करना होगा ।

२. कर्नाटक में ९५ से १०० प्रतिशत मुसलमानों ने केवल कांग्रेस को मतदान किया है । अब कांग्रेस को बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में घोषणापत्र में दिए गए आश्वासन को पूरा करना होगा । यदि ऐसा नहीं होता है, तो भविष्य में किसी भी चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुसलमान कभी विश्वास नहीं रखेंगे ।

३. जमियत के कांग्रेस के साथ सदा अच्छे संबंध रहे है । डॉ. मनमोहन सिंह से लेकर सोनिया गांधी तक, सभी नेता जमियत के नेताओं की सुनते थे ।

स्त्रोत: दैनिक सनातन प्रभात

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