गेस्ट हाउस-हॉस्टल से लेकर हार्डवेयर-कपडों तक के व्यवसाय में फैला है कारोबार
जिस विद्यालय में हिन्दू छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया गया, अब उस पर मध्य प्रदेश सरकार बुलडोजर चलाएगी। विद्यालय में प्रधानाध्यापिका समेत 3 शिक्षिकाओं द्वारा इस्लामी धर्मांतरण करने की बात भी सामने आई थी। बुलडोजर चलाने से पहले दमोह के ‘गंगा जमना विद्यालय’ को 3 दिनों की मोहलत दी गई है। रविवार (11 जून, 2023) को नगरपालिका की तरफ से विद्यालय को नोटिस भी भेज दिया गया है। असल में विद्यालय की एक इमारत को बिना अनुमति के ही बनाया गया है।
उक्त विद्यालय का मालिक राशिद खान है, लेकिन दस्तावेजों में इसकी मालकिन उसकी बीवी रश्क-ए-जहाँ है। हाल ही में ये भी खुलासा हुआ कि मस्जिद तक इस विद्यालय से गुप्त रास्ता बनाया गया था। विद्यालय से जुड़े लोगों को हिरासत में भी लिया जा रहा है। कई फरार हैं। पेट्रोल पंप और दुकानें सहित विद्यालय संचालक और उसके रिश्तेदारों के कई अन्य व्यवसायों पर भी छापा पड़ा है। प्रिंसिपल आफसा शेख, गणित शिक्षक अनस अतहर और चौकीदार रुस्तम पहले से ही जेल में हैं।
3 दिन के भीतर अगर ‘गंगा जमना विद्यालय’ द्वारा नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो बुलडोजर चला कर इमारत को ध्वस्त कर दिया जाएगा। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आश्वासन दिया है कि जाँच सही दिशा में जा रही है और प्याज के छिलके की तरह परतें उघड़ रही हैं। मुख्य नगरपालिका अधिकारी भैया लाल ने विद्यालय का निरीक्षण भी किया है। तीनों गिरफ्तार लोगों की जमानत याचिका न्यायलय ने ख़ारिज कर दी है।
दमोह के गंगा जमना विद्यालय के मामले की जांच सही दिशा में चल रही है। इस तरह की फिरकापरस्त ताकतों और माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई तो होती ही है। pic.twitter.com/NVnx1XZgaw
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) June 12, 2023
ये भी खुलासा हुआ है कि भोपाल के अशोका गार्डन इलाके में उसका गंगा जमना नाम से ही बहुमंजिला इमारत में बॉयज हॉस्टल, गेस्ट हाउस और रेडीमेड गारमेंट्स का शोरूम चल रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)’ के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने पूछा है कि क्या नाम बदल कर भोपाल में हॉस्टल चलाया जा रहा है? असल में हॉस्टल का नाम ‘श्रीराम’ है और उसका संचालक खुद को उपाध्याय बता रहा है। जबकि ये हॉस्टल ‘गंगा जमना विद्यालय’ से जुड़ा है। हॉस्टल और शोरूम पर भी नोटिस चस्पा कर डिटेल्स माँगे गए हैं।
स्रोत: ऑप इंडिया
3 जून
दमोह हिजाब मामले की जांच करने पहुंची राज्य बाल आयोग की टीम, विद्यालय की मान्यता रद्द
शहर के गंगा जमना विद्यालय में हिजाब मामले की जांच करने शुक्रवार को राज्य बाल आयोग की टीम विद्यालय पहुंची। दूसरी तरफ शर्तो और उत्तरदायित्वों तथा समय-समय पर जारी निर्देशों का प्रथम दृष्टया पालन नहीं किए जाने के फलस्वरूप लोक शिक्षण सागर संभाग सागर के संयुक्त संचालक ने विद्यालय की मान्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। वहीं राज्य बाल आयोग की टीम के सदस्य ओंकार सिंह और मेघा पवार विद्यालय पहुंचे और प्रबंधक और प्राचार्य से जानकारी ली। बच्चों को स्कार्फ पहनाने का कारण पूछा। इस पर विद्यालय प्राचार्य अफसा शेख ने कहा कि अभी तक किसी ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई। जिस पर आयोग अध्यक्ष ने कहा कि किसी ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई तो क्या बुर्का पहना देंगे। बाद में उन्होंने विद्यालय डायरेक्टर इदरीश खान से जवाब मांगा। इस पर उन्होंने कहा कि यह विद्यालय का ड्रेस कोड है। इसके जवाब में उन्होंने कहा हिंदू धर्म में कहीं भी बच्चियों का सिर ढंकने की परंपरा नहीं है। इसके बाद आयोग के सदस्यों ने उन अभिभावकों से बात की जिन्होंने विद्यालय पर आरोप लगाए थे की उनकी बेटियों को हिजाब पहनने मजबूर किया जाता है। टीम के साथ दमोह तहसीलदार मोहित जैन और जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा मोजूद रहे। टीम के सदस्यों ने विद्यालय की किताबों की जानकारी भी ली।
राज्य बाल आयोग की टीम ने विद्यालय प्रबंधन से कई मामलों में पूछताछ कर विद्यालय के कुछ नियमों में भी आपत्ति ली। टीम के सद्स्यों ने कई घंटे तक जांच पड़ताल की।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी ने जो कहा वो तत्काल कर के भी दिखा दिया है।
दमोह में हिंदू बच्चियों को हिजाब पहनाने वाले व भारत विभाजक इक़बाल के गुण गाने वाले विद्यालय की मान्यता निलम्बित कर दी गयी है।
अब बस उच्च न्यायालय में केवीएट दायर कर एकतरफ़ा स्थगन आदेश लेने… https://t.co/hhYYIZMLkj pic.twitter.com/ldOuka63S7— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) June 2, 2023
शिक्षा विभाग ने हिजाब मामले में नियमोें का पालन नहीं किए जाने पर विद्यालय की मान्यता निलंबित कर दी है। जारी आदेश के तहत मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 के नियम-11(1) के तहत अशासकीय शिक्षण संस्था-गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह (डाइस कोड-23120318304) की मान्यता, नियम 5 और 9 के अधीन विहित मानको, शर्तो और उत्तरदायित्वों तथा समय-समय पर जारी निर्देशों का प्रथम दृष्टया पालन नहीं किए जाने के फलस्वरूप लोक शिक्षण सागर संभाग सागर के संयुक्त संचालक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। इस संबंध में जारी आदेशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र के माध्यम से जिले में संचालित अशासकीय शिक्षण संस्था गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमोह के किए गए निरीक्षण में मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 में वर्णित निर्धारित मापदण्ड का विद्यालय में पालन नहीं करना प्रतिवेदित किया गया है।
स्रोत : नई दुनिया
1 जून
दमोह के निजी विद्यालय में हिंदू छात्राओं को पहनाया गया हिजाब, गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश
मध्यप्रदेश – दमोह में संचालित एक निजी विद्यालय गंगा जमुना हायर सेकंडरी पर हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप लगा है। छात्रों के बोर्ड परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर विद्यालय में लगाया गया जिसमें छात्राएं हिजाब पहने हुए दिख रही थीं। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को जांच के आदेश दिए हैं। जिला प्रशासन ने अब दोबारा जांच कराने की बात कही है।
चार छात्राएं पहने दिखीं हिजाब
निजी विद्यालय में लगे पोस्टर में छात्र-छात्राओं के जो फोटो लगे हुए हैं, उनमें सभी छात्राओं ने हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा अपने सिर पर लपेटा है। मुस्लिम छात्राओं के साथ चार हिंदू छात्राएं भी हिजाब पहने दिख रही हैं।
संविधान का उल्लंघन
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को इस मामले की जानकारी लगी तो उन्होंने ट्वीट किया कि हिंदू और अन्य ग़ैर मुस्लिम बच्चों को इस्लामिक प्रथाओं का अभ्यास करवाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 28 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वे दमोह कलेक्टर को नोटिस भेज रहे हैं।
मतांतरण का मामला नहीं आया सामने
दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को कोतवाली टीआइ और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई थी, जिसने इस पूरे मामले की जांच की है। अभिभावकों से बात भी हुई है। मतांतरण का मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के आदेश के बाद एक जांच टीम बनाई जा रही है जिसमें दमोह तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। जांच रिपोर्ट गृहमंत्री को भेजी जाएगी।
विद्यालय संचालक ने कहा- नहीं डालते दबाव
विद्यालय संचालक मुस्ताक खान ने बताया कि विद्यालय की यूनिफार्म में स्कार्फ शामिल है, लेकिन इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है। स्कार्फ को हिजाब समझा जा रहा है। एसपी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि अभी तक विद्यालय के किसी भी अभिभावक या छात्रा ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
विद्यालय की मान्यता रद करने की मांग
हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में डिप्टी कलेक्टर राम लल्लन वागरी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने पहले की गई जांच को गलत ठहराते हुए विद्यालय की मान्यता रद करने की मांग की है। भाजपा नेता मोंटी रैकवार ने कहा कि हिंदू धर्म की बेटियों को जानबूझकर हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है। ऐसे लोगों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।
ट्वीट के बाद दमोह कलेक्टर ने जांच कराई
खबर फैली तो आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने एक ट्वीट किया और उसके बाद दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने इस मामले की जांच भी करा ली। जांच में मतांतरण की बात अफवाह निकली, लेकिन मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मामले की खबर मिलने के बाद हमने कोतवाली टीआइ और कुछ अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई थी जिसने इस पूरे मामले की जांच की। अभिभावकों से बात हुई है। विद्यालय प्रबंधन से भी बात हुई, लेकिन मतांतरण का मामला कहीं सामने नहीं आया।