ज्येष्ठ कृष्ण ९, कलियुग वर्ष ५११५
स्वतंत्रता प्राप्त होनेके ६५ वर्षोंके उपरांत भी मथुरा नगरीका तीर्थक्षेत्रके रूपमें घोषित न होना हिंदुओंके लिए लज्जाजनक है !
मथुरा : धार्मिक मथुरा नगरीको `तीर्थक्षेत्र’ घोषित करने हेतु सरकारद्वारा टालमटोल की जाती है । मथुराके विधायकद्वारा विधानसभाके अगले अधिवेशनमें यह सूत्र उपस्थित करनेका विचार किया जा रहा है । (हिंदुओंके धार्मिक स्थलोंकी पवित्रता संजोए रखनेके विषयमें उदासीन रहनेवाले निरपेक्ष राजनेताओंको हटाकर राष्ट्र एवं धर्मनिष्ठ राजनेताओंको सत्तामें लाने हेतु सिद्ध होइए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
गोवर्धन क्षेत्रके बसपाके विधायक राजकुमार रावतने कहा कि सरकार मथुरा नगरीको `तीर्थक्षेत्र’ घोषित करनेके संदर्भमें उदासीन है । छाता क्षेत्रके विधायक तेजपाल सिंहने कहा कि उन्होंने पिछली बसपा सरकारकी कालावधिमें मथुराको `तीर्थक्षेत्र’ घोषित करनेका सूत्र उपस्थित किया था; परंतु सरकारद्वारा उसकी उपेक्षा की गई । वृंदावन क्षेत्रके विधायक प्रदीप माथुर एवं मांट क्षेत्रके विधायक श्यामसुंदर शर्माने कहा कि मथुराको `तीर्थक्षेत्र’ घोषित करनेके लिए जनआंदोलनकी आवश्यकता है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात