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नेपाल में बढ गई मुस्लिमों और ईसाइयों की जनसंख्या, हिंदू और बौद्ध घटे

  • जनगणना के नए आंकड़े आए

  • सबसे ज्यादा लोग नेपाली-मैथिली भाषा बोलते हैं

नेपाल में जातियों और विभिन्न जनजातियों की संख्या 142 के पार चली गई है। 2021 में हुई जनगणना के विवरण अब सामने आए हैं, जिसमें ये पता चला है। 2011 में हुई जनगणना में जातियों एवं जनजातियों की संख्या 125 थी। नेपाल के ‘National Statistics Office’ ने ये आँकड़े जारी किए हैं। इसे पहले ‘सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स’ के नाम से जाना जाता था। नेपाल की जातियों, भाषा और धर्मों को लेकर सवालों का भी संस्था ने जवाब दिया है। नेपाल में 2.367 करोड़ हिन्दू हैं, जबकि मुस्लिम 23.945 लाख।

नेपाल में छेत्री समाज की जनसंख्या 16.45% है, जबकि पहाड़ी ब्राह्मण 11.29%, मगार 6.9%, तमांग 5.62% और बिश्वकर्मा 5.04% हैं। नेपाल में फ़िलहाल 124 भाषाएँ बोली जा रही हैं और धर्मों/मजहबों की संख्या 10 है। इनके अलावा 12 ऐसी भाषाएँ भी हैं जिन्हें ‘अन्य’ में रखा गया है, ये विदेशी हैं। साथ ही 13 नई भाषाओं को भी जगह दी गई है। पिछली जनगणना में नेपाल में 123 भाषाओं के मौजूद होने की बात पता चली थी।

नेपाल में 44.8% लोग नेपाली बोल रहे हैं, जबकि 11.05% लोगों की भाषा मैथिली है। जबकि 6.24% लोग भोजपुरी बोलते हैं। इसी तरह थारू 5.88%, तमांग 4.88%, बज्जिका 3.89% और अवधि 2.96% लोगों की भाषा है। जहाँ तक धर्मों की बात है, नेपाल में अभी भी 81.19% हिन्दू हैं। 8.21% अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म दूसरे नंबर पर आता है। इस्लाम यहाँ भी पाँव पसार रहा है और मुस्लिमों की जनसंख्या 5.09% हो गई है।

नेपाल में 3.17% किरात, 1.76% ईसाई, 0.35% प्राकृत और 0.23% बॉन के अलावा मात्र 0.01% ही जैन समाज के लोग हैं। 2011 में हिन्दुओं की जनसंख्या 81.3% थी, अर्थात हिन्दुओं की जनसंख्या 0.19% कम हुई है। वहीं बौद्ध समाज जनसंख्या का 9% हिस्सा था, इस हिसाब से बौद्धों की संख्या भी 0.79% कम हुई है। वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या 0.69% बढ़ गई है, क्योंकि वो 2011 में 4.4% हुआ करते थे। ईसाई पहले 0.5% ही थे, जो अब 1.26% ज़्यादा हो गए हैं।

स्रोत: ऑप इंडिया

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