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वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हेट स्पीच’का षड्यंत्र’ विषय पर विचारगोष्ठी संपन्न !

‘हेट स्पीच’ की लाठी धर्मांधों एवं जिहाद का आवाहन करनेवाले पुस्तकों पर कब चलेगी !

हेट स्पीच (Hate speech) का अर्थ है विद्वेषपूर्ण वक्तव्य !

विचारगोष्ठी में सहभागी बाईं ओर से श्री. नरेंद्र सुर्वे, अधिवक्ता सुभाष झा, अधिवक्ता भरत देशमुख एवं अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय

फोंडा (गोवा) – ‘हेट स्पीच’ की (विद्वेषपूर्ण वक्तव्य देने की) लाठी हिन्दुओं पर चलाई जाती है । हिन्दुओं पर प्रतिबंध लगाकर उन पर अभियोग प्रविष्ट किए जाते हैं । ‘हेट स्पीच’ में फंसाकर हिन्दुओं का दमन किया जाता है । यदि ऐसा है, तो ‘धर्मांधों’ एवं जिहाद का आवाहन करनेवाली पुस्तकों पर कब कार्यवाही की जाएगी ? १८ जून को वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हेस्ट स्पीच’ का षड्यंत्र’ विषय पर आयोजित विचारगोष्ठी में यह प्रश्न उठाया गया । इस विचारगोष्ठी में मुंबई के उच्च एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुभाष झा, मुंबई उच्च न्यायालय के अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय तथा महाराष्ट्र एवं गोवा बार काऊंसिल के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता भरत देशमुख सहभागी थे । इस विचारगोष्ठी का संचालन हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने किया ।

जिहाद करने के लिए कहनेवाली ‘हेट बुकों’ पर कब कार्यवाही होगी ? – अधिवक्ता सुभाष झा

कौनसा वक्तव्य ‘हेटस्पीच’ है, यह स्पष्ट करनेवाला कोई भी कानून अभीतक नहीं बना है । कानून बनाना संसद का काम है तथा उस कानून के अनुसार न्याय करना न्यायव्यवस्था का कार्य है । आज ‘हेट स्पीच’ का आक्रोश करनेवाले लोग कश्मीर में जब हिन्दुओं का नरसंहार हुआ, उस समय कहां थे ? षड्यंत्र रचकर बंगाल से हिन्दुओं को विस्थापित किया जा रहा है । उस समय ‘हेट स्पीच’ का सूत्र उठाया नहीं जाता । ‘हेट स्पीच’ के अनुसार कार्यवाही होनेवाली हो, तो जिहाद करने के लिए कहनेवाली ‘हेट बुकों’ पर कार्यवाही कब होगी ? क्या भारत इस्लामी राष्ट्र बनना हिन्दुओं को स्वीकार है ? यदि नहीं है, तो हिन्दुओं के सामने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाए बिना अन्य कोई विकल्प नहीं है । अतः भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हिन्दुओं को दिन-रात एक कर परिश्रम उठाने पडेंगे ।

‘हेटस्पीच’रहित ओवैसी का एक भी भाषण नहीं मिलेगा ! – अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय

न्यायालय में हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए अभियोग लडते समय हमें हम जातिवादी होने की भांति देखा जाता है । जब हिन्दूविरोधी वक्तव्य दिए जाते हैं, उस समय हिन्दू उसका विरोध करने आगे नहीं आते हैं; परंतु इसके विपरीत अन्य धर्मी उनके धर्म के लिए तुरंत एकत्रित होते हैं । ‘हेट स्पीच’तो धर्मांध देते हैं । जिसमें ‘हेटस्पीच’ नहीं है, ऐसा ओवैसी का एक भी भाषण नहीं मिलेगा । इसके लिए हिन्दुओं केा संगठित होकर धर्मकार्य करना होगा ।

इस अवसर पर अधिवक्ता भरत देशमुख ने ‘हेट स्पीच’ के माध्यम से हिन्दुओं को लक्ष्य बनाए जाने की बात कही ।

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