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‘धर्मांतरण, घरवापसी’ इस विषयपर ‘वैश्‍विक हिंदु राष्ट्र महोत्सवा’ में मान्यवरों ने किया उद्बोधन !

बाएं से राहुल दिवान, श्री. कुरु थाई, सौ. भक्ती डाफळे और सौ. ज्योती शर्मा

हिन्दुओं को धर्मांतरित हिन्दुओं को स्वधर्म में लाने का बहुत बडा कार्य करना होगा ! – राहुल दीवान, अध्यक्ष, सरयू ट्रस्ट, नई दिल्ली

‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ने भारत को वर्ष २०४७ तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की घोषणा की है । लव जिहाद, लैंड जिहाद के साथ ही अब ‘ब्लैक मैजिक जिहाद’ भी किया जा रहा है । ‘हलाल’की अर्थव्यवस्था भारत की अर्थव्यवस्था समान ही हो गई है । मुसलमानों की बढती संख्या एवं हिन्दुओं की घटती संख्या भारत को पुन: विभाजन की ओर ले जा रही है । इससे भविष्य में गृहयुद्ध निश्चित है । इस परिस्थिति में भी हिन्दू आक्रमण की नहीं, अपितु संरक्षणनीति की नीति अपना रहे हैं । अब से हिन्दुओं को विस्तारवादी भूमिका स्वीकारनी चाहिए । इससे पूर्व भी भारत अखंड था, यह हिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए । वर्ष २०३० तक हिन्दुओं को १० करोड धर्मांतरितों को उनकी इच्छा से पुन: स्वधर्म में लाने का ध्येय रखना चाहिए । इसके लिए सभी मंदिरों में घरवापसी के फलक लगाने चाहिए । धर्मांतरित हुए हिन्दुओं को पुन: हिन्दू धर्म में लेने के लिए मंदिरों में विधि करनी चाहिए । ईसाई मिशनरी हिन्दुओं का धर्मांतर कर रहे हों, तो हिन्दुओं को भी धर्मांतरित हिन्दुओं को स्वधर्म में लाने का कार्य भारी मात्रा में करना चाहिए, ऐसा आवाहन नई देहली के ‘सरयू ट्रस्ट’के अध्यक्ष राहुल दीवान ने किया । वे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के चतुर्थ दिन (१९.६.२०२३ को) उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।

इस अवसरपर व्यासपीठ पर छत्तीसगढ के ‘हिन्दू जागरण मंच की प्रांत सहसंयोजक श्रीमती ज्योती शर्मा, ‘अरुणाचल प्रदेश बांस संसाधन एवं विकास एजन्सी’के उपाध्यक्ष श्री. कुरु ताई, हिन्दू जनजागृति समिति सातारा की समन्वयक श्रीमती भक्ति डाफळे आदि मान्यवर उपस्थित थे ।

छत्तीसगड में ४ वर्षों में हिन्दुओं के धर्मांतरण में वृद्धि ! – सौ. ज्योती शर्मा, प्रांत सहसंयोजक, हिन्दू जागरण मंच, छत्तीसगड

सौ. ज्योती शर्मा, प्रांत सहसंयोजक, हिन्दू जागरण मंच, छत्तीसगड

विद्याधिराज सभागृह – ‘वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के चौथे दिन ‘हिन्दू जागरण मंच’ की प्रांत सहसंयोजक सौ. ज्योती शर्मा ने हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए कहा, ‘किसी भी राज्य में नहीं हो रहा, इतने हिन्दुओं का धर्मांतरण छत्तीसगड में हो रहा है । इसमें पिछले ४ वर्षों में प्रचंड वृद्धि हुई है । ईसाई धर्मप्रचारक धन तथा राशन का प्रलोभन देकर महिलाओं का बडे प्रमाण में धर्मांतरण कर रहे हैं । ऐसे धर्मातरितों का हिन्दू धर्म में ‘घरवापसी’ (हिन्दू धर्म में पुनर्प्रवेश) होना आवश्यक है ।

‘छत्तीसगड में धर्मांतरण की ‘मोडस ऑपरेंडी’ (व्यक्ति अथवा समूह की कार्य करने की विशिष्ट पद्धति) विषय पर बोलते हुए सौ. शर्मा ने बताया, ‘‘प्रत्येक घर में कुछ न कुछ अडचन होती है । इन अडचनों का ईसाई धर्मप्रचारक अपलाभ उठाते हैं । वह धर्मांतरण करने के लिए हिन्दू महिलाओं को आर्थिक लाभ, तो बच्चों को शिक्षा तथा नौकरी का प्रलोभन देते हैं । उसके लिए उन्हें समीप के चर्च में बुलाते हैं । घर के पुरुष जब काम पर जाते हैं, तब यह महिलाएं दोपहर के समय चर्च में जाती हैं । वहां जाने के उपरांत ‘आपके भगवान अच्छे नहीं हैं’, ऐसा बताया जाता है । उनके बताए अनुसार हिन्दू महिला देवपूजा करना तथा तुलसीपूजा करना रोक देती हैं । दूसरे रविवार से पीडित महिलाओं को धन तथा राशन मिलना आरंभ होता है । उनका पूर्ण धर्मांतरण होने के उपरांत ६ मास में ऐसी महिलाओं को संपत्ति का १० वां भाग दान करने के लिए बताया जाता है । जिनके पास धन नहीं है, उन्हें पाद्रियों को राशन देने के लिए कहा जाता है । जिससे घर में झगडे आरंभ होते हैं । ऐसे धर्मांतरित हुए हिन्दुओं की घरवापसी करने का हम प्रयास कर रहे हैं । धर्मांतरण करने का प्रमाण होने पर, धर्मांतरण करनेवाले ईसाई धर्मप्रचारकों पर अपराध दर्ज किया जाता है ।’’

आनेवाले ५ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश के ईसाई धर्मांतर की समस्या समाप्त कर देंगे ! – श्री. कुरु ताई, उपाध्यक्ष, बांस संसाधन एवं विकास एजन्सी, अरुणाचल प्रदेश

श्री. कुरु ताई, उपाध्यक्ष, बांस संसाधन एवं विकास एजन्सी, अरुणाचल प्रदेश

विद्याधिराज सभागृह  केरल उच्च न्यायालय में वर्ष २००६ में धर्मांतरित हिन्दु अनुसूचित जाति की सुविधा देने के विषय में एक याचिका पर सुनवाई हुई । उसकी चर्चा अरुणाचल प्रदेश के हम हिन्दुओं में भी हुई । इससे यहां के वातावरण में उथल-पुथल मच गई है । हमने यहां के धर्मांतर की समस्या पर मात करने के लिए उपाय ढूंढा है । जो भी हिन्दू अन्य धर्म के व्यक्ति से विवाह करेगा, उसे उसकी पैतृक संपत्ति नहीं मिलेगी और उसे अपनी संतान भी स्वयं ही संभालनी होगी । अरुणाचल प्रदेश में हम हिन्दू संगठित हैं । इसलिए वहां की समस्या की चिंता करने की आवश्यकता नहीं । आनेवाले ५ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में ईसाई धर्मांतर की समस्या समाप्त कर देंगे, ऐसा प्रतिपादन अरुणाचल प्रदेश बांस संसाधन एवं विकास एजन्सी के उपाध्यक्ष श्री. कुरु ताई ने किया ।

श्री. कुरु ताई ने बताए अन्य महत्त्वपूर्ण सूत्र

१. अरुणाचल प्रदेश के प्रत्येक कुटुंब में कम से कम १ सदस्य तो धर्मांतरित है । एक सदस्य के कारण संपूर्ण हिन्दू कुटुंब ईसाई बन जाता है ।

२. कुछ समय पूर्व ही एक हीलिंग (उपचार) कार्यक्रम के लिए बिहार से २ पादरी एवं अरुणाचल प्रदेश का ही १ पादरी, ऐसे कुल ३ जन आए थे । उन्होंने असाध्य रोग ठीक करने का दावा किया । जब हमें पता चला तो हमने उन्हें वहां के आर्.के. मिशन के रुग्णालय के कर्करोग से पीडितों को ठीक करने का आवाहन प्रसारमाध्यमों के सामने दिया । तब उन पादरियों ने मना कर दिया । इस प्रकार हिन्दुओं के धर्मांतर का प्रयत्न करनेवाले वहां के ईसाइयों का षड्यंत्र हमने उजागर कर रहे हैं ।

श्री. कुरु ताई की धर्मकार्य के प्रति लगन !

श्री. कुरु ताई के धर्मकार्य की लगन के विषय में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ द्वारा बताए सूत्र

१. श्री. कुरु ताई अरुणाचल प्रदेश के अत्यंत दुर्गम प्रदेश के पहाडी क्षेत्र में रहते हैं । वहां जाना-आना अत्यंत कठिन है । ऐसे में भी श्री. ताई वहां के २६ हिन्दू जमातियों को संगठित कर हिन्दुओं का धर्मांतर रोकने का कार्य कर रहे हैं । वहां इस प्रकार का काम करना अत्यंत कठिन है । उनमें संगठन करने का और अन्यों के प्रति प्रेमभाव, ये गुण विशेषरूप में हैं ।

२. श्री. ताई में राष्ट्र-धर्म के कार्य के प्रति लगन के कारण अरुणाचल प्रदेश से ४ फ्लाईट बदलकर, वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में सम्मिलित हुए हैं ।

३. श्री. ताई की मूल भाषा भिन्न है । उन्हें हिन्दी भाषा बोलने में असुविधा होती है । तब भी हिन्दुत्व के कार्य के प्रति लगन के कारण एवं महोत्सव में आए हिन्दुत्वनिष्ठों का कार्य समझ में आए, इसलिए उन्होंने हिन्दी भाषा में भाषण किया ।

४. अरुणाचल प्रदेश के हिन्दुओं की समस्याओं के विषय में अच्छा अध्ययन है । इसलिए उस पर उचित उपाययोजना ढूंढकर उस अनुसार किया । इसप्रकार उन्होंने वहां के हिन्दुओं को चिंतामुक्त किया है ।

५. श्री. कुरु ताई में धर्मकार्य के प्रति लगन है और सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के प्रति अपार भाव एवं धर्मनिष्ठा है ।

लव जिहाद का उपयोग कर भारत में ‘मिनी पाकिस्तान’ निर्माण हो रहा है ! – सौ. भक्ती डाफळे, समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति, सातारा

सौ. भक्ती डाफळे, समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति, सातारा

विद्याधिराज सभागृह – छत्तीसगड के आदिवासी क्षेत्रों में बांगलादेश से आए मुसलमान हिन्दू आदिवासी युवतियों से विवाह कर घरजवाईं बन रहे हैं ।इसके द्वारा आदिवासियों की भूमि हडपने का षड्यंत्र है । इस प्रकार छत्तीसगड में एक पूर्ण गांव मुसलमानबहुल हो गया है । लव जिहाद का उपयोग कर इस पद्धति द्वारा भारत में ‘मिनी पाकिस्तान’ निर्माण हो रहा है । पहले मुगल हिन्दुओं को भींत के भीतर चुनवा कर मारते थे । वर्तमान में हिन्दू युवती के टुकडे कर शीतकपाट में रखे जा रहे हैं । मुगलों ने तलवार के बलपर हिन्दुओं का धर्मांतरण किया । अब प्रेम के जाल में फंसाकर हिन्दू युवतियों का धर्मांतरण किया जा रहा है । लव जिहाद रोकने के लिए हिन्दू युवतियों को अपना गौरवशाली इतिहास बताना चाहिए । संस्कारी मां के कारण हमें छत्रपति शिवाजी महाराज मिले । हिन्दू युवतियों ने धर्मशिक्षा ली, तो वह लव जिहाद की बलि नहीं चढेंगी । हिन्दू युवतियों को हिन्दू संस्कृति सिखानी चाहिए । धर्मानुसार आचरण किया, तो लव जिहाद की बलि नहीं चढेंगी । लव जिहाद के विषय में गांव गांव में जागृति करने के लिए हमें अभियान चलाना होगा । छात्रावास की, गांव, शहर की हिन्दू युवतियों को धर्मशिक्षा तथा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण हमें देना चाहिए । इस अभियान में धर्मप्रेमी सहभागी हों ।

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