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अब मंदिर परिसर ‘मद्य-मांस मुक्त’ करने हेतु संग्राम – ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’में मंदिर विश्वस्तों का निर्धार

बैठक के लिए उपस्थित मंदिर विश्वस्त

5 फरवरी 2023 को जलगांव में ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’में ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’की स्थापना होने के पश्चात महासंघ का कार्य निरंतर बढता ही जा रहा है । मंदिर संस्कृति की रक्षा करने हेतु केवल 4 महीनों में महाराष्ट्र के 131 मंदिरों में वस्त्रसंहिता (ड्रेस कोड) लागू की गई है । मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने के साथ ही अब मंदिर परिसर स्वच्छ एवं सात्त्विक बनाने हेतु उसे ‘मद्य-मांस मुक्त’ करने के लिए कानूनी लडाई छेडेंगे, ऐसा निर्धार महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की कोर कमिटी की बैठक में किया गया । यह जानकारी ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’के समन्वयक श्री. सुनील घनवट ने दी । यह बैठक ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा के ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’के स्थान पर ली गई । इसके साथ ही ‘मंदिर सुप्रबंधन’, ‘मंदिर संरक्षण’ एवं ‘मंदिर सरकारीकरण एवं अतिक्रमणों से मुक्ति’ आदि विविध विषयों पर चर्चा एवं विचार मंथन किया गया ।

इस संदर्भ में अधिक जानकारी देते हुए श्री. घनवट आगे बोले, ‘‘विविध फिल्मों का चित्रीकरण (शूटिंग) देशभर के पौराणिक एवं ऐतिहासिक मंदिरों के परिसर में होता है । इस चित्रीकरण के समय मंदिरों की पवित्रता, मंदिरों की वस्त्रसंहिता तथा मंदिर परिसर के नियमों का भी पालन नहीं होता । इन नियमों का पालन होने के लिए विविध मंदिरों को निवेदन देकर उसके लिए प्रयत्न किए जानेवाले हैं । इसके साथ ही जिला स्तर से लेकर गांव-गांव तक पुजारी संपर्क अभियान चलाएंगे । इससे मंदिर-पुजारियों का संगठन करने का निर्णय इस बैठक में लिया गया ।

वर्ष 1995 में वक्फ बोर्ड की स्थापना हुई । उनके कर्मचारियों को ‘पब्लिक सर्वंट’का दर्जा दिया गया है । उसी के आधार पर सरकार को हिन्दू मंदिर एवं तीर्थक्षेत्रों का भी ‘हिन्दू बोर्ड’ स्थापित करने और उन्हें भी विशेष सुविधा दी जाएं । इसके साथ ही मंदिरों का धन मंदिरों के लिए अथवा हिन्दू धर्म के लिए ही उपयोग में लाया जाए । भारत की ‘सेक्युलर’ सरकार केवल हिंदुओं के मंदिरों को हथिया कर, उसका धन हडपने अथवा मंदिरों की प्राचीन परंपराएं बदलने का प्रयत्न करती है; परंतु वे मस्जिद अथवा चर्च सरकार के नियंत्रण में नहीं ला सकतीं । इसलिए  सरकार देश के सभी मंदिर सरकारीकरण से मुक्त करे’’, ऐसी मांग भी श्री. घनवट ने इस अवसर पर की ।

इस बैठक के लिए गोवा के गोमंतक मंदिर महासंघ के सचिव श्री. जयेश थळी, महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंग श्री भीमाशंकर देवस्थान के अध्यक्ष अधिवक्ता सुरेश कौदरे, विदर्भ देवस्थान समिति के सचिव श्री. अनूप जयस्वाल, महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल के भूतपूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता भरत देशमुख, मंगलग्रह सेवा संस्थान के श्री. शरद कुलकर्णी, नगर की श्री भवानी माता मंदिर के अधिवक्ता अभिषेक भगत, नागपुर के श्री बृहस्पति मंदिर के विश्वस्त श्री. रामनारायण मिश्र एवं संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर के श्री. दिलीप कुकडे सहित 40 मान्यवर उपस्थित थे ।

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