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‘मीडिया कार्य एवं गड-किलों की सुरक्षा’ इस विषयपर ‘वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ छठे दिन मान्यवरों ने किया उद्बोधन

बाएं से अधिवक्त्या अमिता सचदेवा, श्रीमती तान्या मनचंदा, सत्यविजय नाईक, चेतन राजहंस और उद्बोधन करतें हुए आनंद जाखोटिया

हिन्दू युवतियों को गौरवशाली सांस्कृतिक इतिहास बताया तो ‘लव जिहाद’ का विरोध ही नहीं, अपितु प्रतिकार भी होगा ! – आनंद जाखोटिया, राज्य समन्वयक, मध्यप्रदेश तथा राजस्थान, हिन्दू जनजागृति समिति

आनंद जाखोटिया, राज्य समन्वयक, मध्यप्रदेश तथा राजस्थान, हिन्दू जनजागृति समिति

रामनाथी – ‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र ने भारत में ‘लव जिहाद’ का षड्यंत्र तथा उसका ‘इस्लामिक स्टेट’ के वैश्विक आतंकवाद से संबंध प्रमाणित कर दिखाया; परंतु तथाकथित सेक्युलरवादियों द्वारा इस चलचित्र का अनेक स्थानों पर विरोध किया गया । कहीं प्रतिबंध लगाया गया, तो कहीं सिनेमाघरों ने दिखाने से मना कर दिया । भारत की लडकियों को कोई प्रेम के जाल में फंसाकर, उसे धर्म, माता-पिता, संस्कृति, स्वयं के अस्तित्व सबसे दूर कर, उन्हें स्वयं के देश-धर्म-परिवार के विरूद्ध ‘जिहाद’ करने के लिए तैयार किया जाता है, यह सामान्य बात नहीं है । परंतु मुसलमान मत बनाए रखने के लिए सिनेमा का विरोध किया गया । यहां हमें ध्यान रखना चाहिए कि, जो सेक्युलरवादी यह सिनेमा स्वीकारने को तैयार नहीं है, वह प्रत्यक्ष में लव जिहाद की भयानकता कैसे स्वीकारेंगे ? वह हिन्दू लडकियों की रक्षा के लिए प्रयास करेंगे क्या ? इसीका परिणाम है कि देशभर में लव जिहाद की घटनाओं ने हाहाकर मचाया है । यह संकट रोकने के लिए अपनी लडकियों को छत्रपति शिवाजी महाराज तथा महाराणा प्रताप के जीवन, वैसे ही छत्रपति संभाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती ने धर्म के लिए किया गौरवपूर्ण त्याग बताना होगा । हिन्दू युवतियों तक हमारे देश का गौरवशाली इतिहार पहुंचाना होगा, तो लव जिहाद का केवल विरोध ही नहीं, तो प्रतिकार भी होगा । इसके साथ हिन्दू युवतियों में लव जिहाद के संदर्भ में जागृति करना, उन्हें हिन्दू धर्मशास्त्रों के संदर्भ में शिक्षा देना, विविध समाजघटकों में जाकर प्रबोधन तथा संगठन करना, उन्हें स्वरक्षा प्रशिक्षण देना, जिन हिन्दू लडकियों को पुन: हिन्दू धर्म में प्रवेश लेना है, उनके लिए घर वापसी योजना बनाना, लव जिहाद के विरोध में बनाए गए कानून कठोर करने के लिए प्रयास करना तथा आंदोलन करना ऐसी विविध उपाय योजनाएं करनी होंगी, ऐसे उद्गार हिन्दू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश तथा राजस्थान राज्य समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने व्यक्त किए । वह ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के छठे दिन (२१.६.२०२३ के दिन) उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।

‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हम हिन्दू धर्म पर हो रहे आघातों को समाज के सामने ला रहे हैं ! – श्रीमती तान्या मनचंदा, संपादक, संगम टॉक्स

श्रीमती तान्या मनचंदा, संपादक, संगम टॉक्स

हमारी पीढी को विशेषरूप से शहरी पीढी को धर्मशिक्षा नहीं दी गई, यह हमारा दुर्भाग्य है; परंतु यू-ट्यूब वाहिनी (चैनल) ‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हम युवकों के लिए हिन्दुत्व के विषय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं । हम इस माध्यम से युवकों को हिन्दू धर्मकार्य की ओर आकर्षित कर रहे हैं । लव जिहाद एवं हिन्दी फिल्मजगत का वास्तविक स्वरूप हमने उजागर किया । ‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हमने ईसाईयों की हिन्दू धर्मविरोधि गतिविधियां उजागर की । कलियुग से ही सत्ययुग की निर्मिति होनेवाली है; किंतु उसके लिए हमें प्रयास करने होंगे । हमने मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों; इसके लिए जागृति करनेवाले कार्यक्रम आयोजित किए । सीक्ख हिन्दुओं से भिन्न होने का ‘नैरेटिव’ (कथानक) खडा किया जा रहा है, यह भी हमने इस चैनल के माध्यम से उजागर किया । ‘संगम टॉक्स’ के माध्यम से हिन्दुओं का दिशादर्शन किया जा रहा है ।

गोवा में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति हटाने का आदेश वापस लेने पर बाध्य बनानेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में सम्मानित !

शिवस्वराज्य संघटना के अध्यक्ष श्री. ज्ञानेश्वर मठकर (दाईं ओर) इनका सत्कार करतें हु्ए सनातन के सद्गुरु सत्यवान कदम
शिवस्वराज्य संघटना के उपाध्यक्ष श्री. प्रज्योत कळंगुटकर (दाईं ओर) इनका सत्कार करतें हु्ए सनातन के सद्गुरु सत्यवान कदम

गोवा राज्य में स्थित कलांगुट ग्रामपंचायत ने २ दिन पूर्व यहां के शिवप्रेमियों द्वारा खडी की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति हटाने का आदेश जारी किया था । इसके विरुद्ध शिवस्वराज्य संगठन एवं स्थानीय शिवप्रेमियों ने तीव्र आंदोलन चलाने की चेतावनी दी । यहां के सैकडों शिवप्रेमियों ने एकत्रित होकर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास एकत्रित होकर इस आदेश की निंदा कर आदेश को वापस लेने की मांग की । शिवप्रेमियों के इस आंदोलन के कारण कलांगुट ग्रामपंचायत ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति हटाने का आदेश वापस लिया, साथ ही इसके लिए सरपंच जोसेफ सिक्वेरा ने क्षमायाचना की । इस आंदोलन का नेतृत्व करनेवाले शिवस्वराज्य संगठन के अध्यक्ष श्री. ज्ञानेश्वर मठकर एवं उपाध्यक्ष श्री. प्रज्योत कलांगुटकर को वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में सनातन के धर्मप्रचारक सद्गुरु सत्यवान कदमजी के करकमलों से सम्मानित किया गया । इस अवसर पर शिवस्वराज्य संगठन के सर्वश्री सुरेश मयेकर, सिद्धेश गोवेकर एवं प्रसाद शिरोडकर उपस्थित थे ।

इस समय उपस्थित सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’, ‘छत्रपती शिवाजी महाराज की जय’ का जयघोष कर आनंद व्यक्त किया ।

युवकों को हिन्दू संस्कृति के दृष्टिकोण से इतिहास एवं भूगोल पढाया जाए ! – निधीश गोयल, संचालक, ‘जम्बू टॉक्स’, जयपुर, राजस्थान

निधीश गोयल, संचालक, ‘जम्बू टॉक्स’, जयपुर, राजस्थान

रामनाथी – ‘जम्बूद्वीपे भरतखण्डे आर्यावर्ते भारतवर्षे, एक नगरी है विख्यात अयोध्या नाम की…’ यह गीत सुनने के उपरांत भी हम केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यानमार, भूटान, नेपाल इतनी ही मांग क्यों करते हैं ? यदि जम्बूदीप की संरचना इतनी बडी है, जिसमें आज का चीन, रूस एवं मध्यपूर्व के सर्व देश सम्मिलित हैं, तो हमें कुछ बडी मांग करनी चाहिए, ऐसा मत जयपुर, राजस्थान के ‘जम्बू टॉक्स’ नामक ‘यू-ट्यूब वाहिनी’ के संचालक श्री. निधीश गोयल ने ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में २२.६.२०२३ को व्यक्त किया ।

उन्होंने आगे कहा,

‘‘वर्तमान चीन में मेरु(सुमेरु) पर्वत है एवं वह इस विश्व का मध्य है, ऐसा कहा जाता है । यह बात हिन्दुओं को कितनी बार बताई गई ? हमारी वाहिनी ने ‘क्यों छिपाया जम्बूद्वीप ?’ ऐसा कार्यक्रम किया । हम अखंड भारत की बात क्यों करते हैं ? जम्बू द्वीप के संबंध में क्यों नहीं बोलते ? हम कश्मीर को महर्षि कश्यप की भूमि कहते हैं, तो ‘केस्पियन’ समुद्र को कश्यप सागर क्यों नहीं कहते ? यह वही कश्यप समुद्र है, जहां से मध्य पूर्व एवं अन्य देश है । जम्बूद्वीप से संबंधित हमारा कार्यक्रम २ लाख लोगों ने देखा । इससे ध्यान में आया कि, भारत के युवकों को हमारे इतिहास के प्रति जिज्ञासा है । युवकों से उनकी भाषा में संवाद करना चाहिए । आदि शंकराचार्यजी ने कहा था, मैं शंख बजाऊंगा और यह शंखध्वनि जहां जहां तक पहुंचेगी, वह प्रदेश सनातन रहेगा । भारत कभी गुलाम नहीं रहा है, इसके विपरीत हमारा समाज संघर्षशील रहा है । ऐसा होते हुए भी हमें भारत गुलाम देश था, ऐसा पढाया गया और हमने वह मान्य किया । अर्जुन दिग्विजयी मुहीम पर निकला था । वह आज के सायबेरिया तक पहुंचा था । तब हमें हिन्दू संस्कृति के दृष्टिकोण से भौगोलिक इतिहास पढाने हेतु किसने रोका है ? हमने जबसे ‘जम्बू टॉक्स’ वाहिनी प्रारंभ की है, तब से हमने केवल ऐसे विषयों पर २०० कार्यक्रम किए । इसके साथ अन्य विषय मिलाकर अभी तक ७०० भाग किए हैं । हमारी यह यात्रा नहीं रुकेगी, अपितु निरंतर चलती रहेगी । कोई भी कार्यक्रम सात्त्विक भाव से करने पर हमारे भीतर एवं चराचर में विद्यमान भगवान श्रीकृष्ण सहायता करते हैं । ईश्वर की सहायता मिलने पर हमें कोई नहीं रोक सकता ।’’

अधिवक्ता के रूप में धर्मकार्य करते समय ईश्वर ही कार्य करवा रहे हैं ! – अधिवक्ता अमिता सचदेवा, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, देहली

अधिवक्ता अमिता सचदेवा, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, देहली

रामनाथी – श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अभियोग में मुझे अधिवक्ता के रूप में काम करने का अवसर मिला । मथुरा में जिला सत्र न्यायालय में यह अभियोग लडा जा रहा है । उस समय विरोधी पक्ष की ओर से ४ वरिष्ठ अधिवक्ता थे; परंतु मैं बिना घबराए हिन्दुओं की भूमिका प्रस्तुत कर पाई । इस प्रसंग में ईश्वर के आशीर्वाद का साथ प्रतीत हो रहा था । इस अभियोग का निर्णय हिन्दुओं के पक्ष में हुआ । देहली में हिन्दुत्व के लिए कार्य करने हेतु अधिवक्ता आगे आ रहे हैं, यह ईश्वर की ही लीला है । ईश्वर ही सर्व करते हैं और हमें आनंद देते हैं, ऐसे भावपूर्ण उद्गार हिन्दू विधिज्ञ परिषद देहली की सदस्या अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने व्यक्त किए । वे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के छठवें दिन (२१.६.२०२३ को) उपस्थितों को संबोधित कर रही थीं ।

अभिव्यक्तिस्वतंत्रता की दिशा भारतविरोधी शक्तियों ने निर्धारित की है ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

रामनाथी – हिन्दू धर्म दुराचार को अधर्म मानता है । विश्वकल्याण की भावना से काम करना भी धर्म है । योग्य कृति को ही धर्म कहा गया है । अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर अन्यों को पीडा देना, अधर्म है । अभिव्यक्ति स्वातंत्रता की मुख्य अडचन यह है कि अभिव्यक्ति स्वतंत्रता अथवा स्वैराचार ? इसे निश्चित कौन करेगा ? अभिव्यक्ति स्वतंत्रता वास्तव में कौनसी है ? इसकी दिशा भारतविरोधी शक्तियों ने निश्चित की है । इसमें वाममार्गीय शक्तियों का गठबंधन है । अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का अनावश्यक प्रसार किया गया है । यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता साम्यवादी, वाममार्गीय, नक्सलवादी जैसी राष्ट्रविरोधी शक्तियों के पक्ष में झुकी है । संविधान के अनुच्छेद १९ (१ ए) अनुसार प्रत्येक को अभिव्यक्ति स्वतंत्रता है; परंतु १९ (२) अनुसार भारत के अखंडत्व की दृष्टि से अभिव्यक्ति स्वतंत्रता को प्रतिबंध भी लगाया गया है । वर्तमान में अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का उपयोग सुविधानुसार किया जा रहा है । शबरीमला मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश के लिए अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का सूत्र उपस्थित किया जाता है; परंतु अन्य धर्मियों के विषय में ये अभिव्यक्ति स्वतंत्रतावाले मौन साध जाते हैं, ऐसे उद्गार सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने किए । वे यहां हो रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के छठे दिन उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।

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