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‘धर्मांतरण एवं उपाय’ इस विषयपर ‘वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ छठे दिन मान्यवरों ने किया उद्बोधन

धर्मांतरण रोकने के लिए हिन्दुओं को आदिवासियोंतक पहुंचना होगा ! – महेंद्र राजपुरोहित, अग्निवीर, नवसारी, गुजरात

महेंद्र राजपुरोहित, अग्निवीर, नवसारी, गुजरात

रामनाथी – आदिवासियों का धर्मांतरण करने के लिए ईसाई मिशनरी षड्यंत्र रच रहे हैं । ईसाई मिशनरी आदिवासियों की आर्थिक सहायता कर उनमें स्वयं के प्रति सहानुभूति उत्पन्न कर रहे हैं । इससे ही धर्मांतरण होता है । ईसाई मिशनरी आदिवासियों के घर जाकर उनसे निकटता बढाते हैं तथा उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं; परंतु हिन्दू संगठन आदिवासियोंतक नहीं पहुंचते और ऊपर से ‘आदिवासी धर्मांतरण करते हैं’, ऐसा बोलते रहते हैं । प्रत्येक आदिवासी परिवार के घर के सामने तुलसी होती है, उनके माथे पर तिलक होता है तथा प्रत्येक व्यक्ति के घर में गाय होती है; परंतु ऐसा होते हुए भी ‘आदिवासी धर्मांतरण क्यों करते हैं ?’, इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए । आदिवासियों का धर्मांतरण रोकने के लिए हिन्दुओं को नीचले स्तरतक जाकर आदिवासियों को धर्म के प्रति जागृत करना पडेगा । आदिवासियों का धर्मांतरण करने के लिए हम आदिवासी परिवारोंतक पहुंच गए । आदिवासी युवक-युवतियों के सामूहिक विवाह कराना, युवकों के लिए खेलों का आयोजन करना तथा महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा देना; इसके लिए हमने प्रयास किए । अभीतक हमने ९ सहस्र आदिवासी भाई-बहनों की घरवापसी कराई है । मुगलों एवं अंग्रेजों के आक्रमण के उपरांत भी हमारे पूर्वजों ने हिन्दू धर्म नहीं छोडा, इस पर हमें गर्व होना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन नवसारी (गुजरात) के ‘अग्निवीर’ संगठन के श्री. महेंद्र राजपुरोहित ने किया । यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के छठे दिन (२१.६.२०२३ को) उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

धर्मांतरितों का शुद्धिकरण करने के उपरांत उसे कानूनी वैधता प्राप्त होने के लिए आवश्यक कागदपत्रों की पूर्तता करें ! – अधिवक्ता नागेश जोशी, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, गोवा

अधिवक्ता नागेश जोशी, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, गोवा

रामनाथी – धर्मांतरितों का शुद्धिकरण प्रक्रिया (घरवापसी) आदि सभी बातें कानून के अंतर्गत आनेवाले कार्य हैं । भारतीय आपराधिक संहिता के अनुच्छेद २५ के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश होने से किसी भी व्यक्ति को कोई भी धर्म अपनाने की स्वतंत्रता है, साथ ही उसका प्रचार-प्रसार करने की भी स्वतंत्रता है । यह अनुच्छेद ईसाई एवं मुसलमानों के साथ हिन्दुओं पर भी लागू है ।

धर्मांतरितों का शुद्धिकरण करने के लिए धार्मिक अनुष्ठानों के साथ कुछ नियम बनाने जाने चाहिएं । जिसकी शुद्धिकरण प्रक्रिया करनी है, उसका परिचयपत्र, मतदातापत्र, नागरिकता का प्रमाण ऐसे कागदपत्र लें । उसके उपरांत ‘मुझे सनातन हिन्दू धर्म के प्रति आकर्षण होने से मैं इस धर्म का स्वीकार कर रहा हूं’, इस पद्धति से शपथपत्र लिख लें । उसके उपरांत शुद्धिकरण का अनुष्ठान करें । उसके पश्चात ‘एफिडेविट’ (शपथपत्र) बनाएं । ऐसा व्यक्ति जब नया नाम धारण करता है, उसके उपरांत उसे ‘गैजेट पब्लिकेशन’ (हिन्दू धर्म का स्वीकार करने के संदर्भ में समाचारपत्र में ज्ञापन देना) करने के लिए कहें । इस संपूर्ण प्रक्रिया के कारण कागदपत्रों से संबंधित जानकारी एकत्रित होती है । अभीतक ऐसा ध्यान में आया है कि हिन्दुओं के अन्य पंथ में धर्मांतरण होने के कागदपत्र मिलते हैं; परंतु हिन्दू धर्म में ‘घरवापसी’ करने के कागदपत्र अधिकतर नहीं मिलते; इसलिए कागदपत्रीय जानकारी इकट्ठा करने का महत्त्व होता है । कालांतर से इस संदर्भ में कानून बनाने के लिए यह जानकारी सरकार को दी जा सकती है । किसी सरकार ने घरवापसी बंदी का कानून बनाया, तो वह कानून रद्द न हो; इसके लिए इस जानकारी का उपयोग हो सकेगा । इसलिए शुद्धिकरण प्रक्रिया का कागदपत्रीकरण होना आवश्यक है, ऐसी जानकारी हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सचिव अधिवक्ता नागेश जोशी ने दी । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के छठे दिन (२२.६.२०२३ दिन) उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

अधिवक्ता नागेश जोशी ने आगे कहा,

१. शुद्धिकरण होने पर उस व्यक्ति को हम अपने न्यास का अथवा संगठन का एक प्रमाणपत्र दे सकते हैं ।

२. हिन्दू धर्म के अनुसार शुद्धिकरण के सभी अनुष्ठान संपन्न कराने से उस अनुष्ठान का उस पर धार्मिक संस्कार हो जाता है, उससे वह हम से जुडा रहता है ।

३. जिसकी शुद्धिकरण किया गया है, उसकी जन्मकुंडली, गोत्र, नाम आदि बातें बना लेनी चाहिएं ।

४. नए सिरे से उसका आधार कार्ड, नागरिकता का प्रमाण एवं मतदाता परिचयपत्र बनाएं । यह ‘गैजेट’ उसके तथा अपने पास रखें ।

५. उसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बुलाना चाहिए । उससे थोडा शुल्क लेकर रसीद दें । उसका रेकॉर्ड बनता है ।

हमने अपनी परंपराओं की सीमाओं में रहकर काम किया, तो हमें कोई नहीं रोक सकता ।

हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए युवकों को प्रेरित करें ! – प्रकाश सिरवानी, पश्चिम विदर्भ संपर्कप्रमुख, भारतीय सिंधु सभा

प्रकाश सिरवानी, पश्चिम विदर्भ संपर्कप्रमुख, भारतीय सिंधु सभा

रामनाथी – धर्म की रक्षा करनी हो, तो पहले स्वयं धर्माचरण करना होगा । हिन्दू युवकों के माथे पर तिलक दिखाई नहीं देता । हमारे पूर्वजों ने जनेऊ, तिलक एवं शिखा की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान दिया; परंतु आज के हिन्दू युवक माथे पर तिलक नहीं लगाते । हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए युवकों को प्रेरित करना पडेगा । उल्हासनगर के सिंधी भाई दोपहर के उपरांत दुकानें बंद करते हैं । दोपहर के उपरांत ईसाईयों ने इन दुकानों को किराए पर लेकर वहां अपना कार्य आरंभ किया है । यहां के कुछ घरों में ईसाईयों ने प्रार्थना करना आरंभकिया । ऐसे सिंधी लोगों के संबंधियां के घरों में हमने सत्संग आरंभ किए । हिन्दुओं को अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए । धर्मग्रंथों का अध्ययन करने से हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं होगा, ऐसा प्रतिपादन भारतीय सिंधु सभा के पश्चिम विदर्भ संपर्कप्रमुख श्री. प्रकाश सिरवानी ने किया । यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के छठे दिन (२१.६.२०२३ को) उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

लव जिहादी का समर्थन करनेवाले ‘सोनी टीवी’ को ऐसे पढाया पाठ !

‘सोनी टीवी’ का हिन्दूद्रोह किस प्रकार रोका गया, इस विषय में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नरेंद्र सुर्वे का वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में अनुभवकथन !

श्री. नरेंद्र सुर्वे

‘सोनी टीवी’ पर प्रसारित होनेवाले ‘क्राईम पेट्रोल’ धारावाही में अपराधों से संबंधित प्रसंगों का नाट्यरूपांतरण कर दिखाया जाता है । ३० दिसंबर २०२२ को बहुचर्चित ‘श्रद्धा वालकर हत्या प्रकरण’ की एक कडी प्रसारित की गई । यह कडी देखकर संपूर्ण देश में क्षोभ की लहर उमड आई । इस कडी में घटनाओं को तोडमरोड कर दिखाया गया था । सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि इसमें श्रद्धा वालकर का नाम बदलकर एना फर्नांडिस तथा लव जिहादी क्रूरकर्मी आफताब का नाम बदलकर हिन्दू नाम ‘मिहीर’ से हिन्दू लडके की व्यक्तिरेखा दिखाई गई थी । उसमें एक हिन्दू लडके ने ईसाई लडकी के ३५ टुकडे किए जाने का दिखाया गया । सोनी टीवी ने इतना बडा झूठ दिखाया । यह सब धर्मांध लव जिहादी का समर्थन करनेवाला था ।

इस विषय में लोगों ने हिन्दू जनजागृति समिति के पास शिकायतें की । अतः इस घटना के विषय में स्पष्टीकरण मांगने के लिए २ जनवरी २०२३ को हम गुरुग्राम (हरियाणा) की साइबर सिटी में स्थित ‘सोनी पिक्चर नेटवर्क’के कार्यालय निषेधपत्र देने के लिए गए; परंतु सोनी टीवी के अधिकारियों ने हमसे मिलना अस्वीकार कर यह पत्र मुंबई कार्यालय में देने के लिए कहा । इसके उपरांत हमने कार्यालय के फलक के सामने ही एक वीडियो रेकॉर्ड किया । उसी दिन ‘बॉयकॉट सोनी टीवी’ (#BoycottSonyTV) हैशटैग सामाजिक माध्यमों पर ट्रेंड हुआ । इसके परिणामस्वरूप केवल ३० मिनटों में ही सोनी टीवी के कार्यालय से हमें फोन आया । उसमें उन्होंने हम से यह अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘आप आईए, हम आपका ज्ञापन स्वीकारने के लिए तैयार हैं ।’’ हमने उन्हें बताया, ‘‘अब हम नहीं आएंगे । आपने जो किया है, उसके लिए आप समस्त हिन्दू समाज से क्षमा मांगिए । जबतक आप क्षमा नहीं मांगेंगे, तबतक हम सोनी टीवी का बहिष्कार करने का आवाहन करना जारी रखेंगे । हम हमारा पत्र सामाजिक माध्यमों एवं पत्र भेजकर आपको भेजेंगे ।!’’

उसके उपरांत रात ८ बजे सोनी टीवी ने उनके आधिकारिक ‘सोशल मीडिया एकाऊंट’ पर ‘क्राईम पेट्रोल’ धारावाही में दिखाई गई कडी के कारण किसी की भावनाएं आहत हुई हों, तो उसके लिए हमें खेद है’, इस आशय की पोस्ट की, साथ ही उन्होंने उनके सभी प्रकार के वीडियो प्लैटफॉर्म से वह विवादित २१२ क्रमांक की कडी हटा दी । इस प्रकार आप भी हिन्दू धर्म पर आघात करनेवालों को संवैधानिक पद्धति से पाठ पढाए बिना शांति से न बैठें!’

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