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‘हिन्दू संगठनों के अनुभवकथन’ इस विषयपर वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के सातवे दिन तृतीय सत्र में मान्यवरों ने किया उद्बोधन (भाग-१)

बाएंं से पाळा संतोष कुमार, आचार्य चंद्र किशोर पाराशर, दिगंबर महाले आणि अनुभवकथन करतांना अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी

भारतीय संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द निकालने का समय आ गया है ! – अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी, महासचिव, अखिल भारतीय कानूनी सहायता संस्था, बंगाल

अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी, महासचिव, अखिल भारतीय कानूनी सहायता संस्था, बंगाल

रामनाथी – वर्तमान भारत में ६ करोड बांगलादेशी घुसपैठिए हैं । ये सभी घुसपैठिए फर्जी पहचानपत्र के आधार पर भारत में रहते हुए भी केवल मतों के लिए राजनीति के लिए शासनकर्ता इन घुसपैठियों की अनदेखी कर रहे हैं । सरकार को यह विषय गंभीरता से लेकर इस विषय में सर्वेक्षण करना चाहिए । बांगलादेश से आए घुसपैठियों के कारण असम, मिजोरम एवं पश्चिम बंगाल के राज्यों के ८ सहस्र गांव मुसलमानबहुल हो गए हैं । इन सभी गावों में ९० प्रतिशत से अधिक मुसलमान हैं । इन घुसपैठियों के कारण भारत की अंतर्गत कानून एवं सुव्यवस्था की बडी समस्या निर्माण हो गई है । ‘लैंड जिहाद’, ‘पॉप्युलेशन (लोकसंख्या) जिहाद’ एवं ‘लव जिहाद’ द्वारा इन घुसपैठियों ने भारत की अंतर्गत सुरक्षितता को संकट में डाल दिया है । जब भारत स्वतंत्र हुआ, उसी समय भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ होना अपेक्षित था; कारण देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुई थी; परंतु अब इस चूक को सुधारने का समय आ गया है । संविधान से ‘सेक्युलर’ (धर्मनिरपेक्ष) शब्द को निकाल फेंकने का समय आ गया है, ऐसे उद्गार बंगाल के ‘अखिल भारतीय कानूनी सहायता संस्था’के अर्थात ‘ऑल इंडिया लीगल एड फोरम’  के महासचिव अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी ने किए । वे यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के सप्तम दिन पर (२२.६.२०२३ को) उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।

मंदिरों में प्रवेश करते समय संस्कृतिनुसार वस्त्र परिधान करने चाहिए ! – डिगंबर महाले, अध्यक्ष, श्री मंगलग्रह सेवा संस्था, अमलनेर (जिला जलगांव)

डिगंबर महाले, अध्यक्ष, श्री मंगलग्रह सेवा संस्था, अमलनेर (जिला जलगांव)

मंगलग्रह मंदिर में ‘वीआईपी’ प्रवेशपद्धति नहीं है और न ही मंदिर में विश्वस्तों के नाम का एक भी फलक है । मंदिर में सभी को हमने ‘सेवक’ इसप्रकार का परिचयपत्र दिया है । मंदिरों की वस्त्रसंहिता प्रथम मंगलग्रह मंदिर में लागू की गई है । इसका कुछ लोगों ने विरोध किया; जबकि श्रद्धालुओं ने वस्त्रसंहिता का समर्थन किया । मंदिर में छोटे और अल्प वस्त्र पहनकर आनेवालों को हम नम्रता से पूर्ण वस्त्र देते हैं और उसे परिधान कर ही मंदिर में प्रवेश करने की विनती करते हैं । मंदिरों में प्रवेश करते समय अपनी संस्कृतिनुसार वस्त्र परिधान करने चाहिए, ऐसे उद्गार अमलनेर (जिला जलगांव) के ‘श्री मंगलग्रह सेवा संस्था’के अध्यक्ष श्री. डिगंबर महाले ने किए । वे यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के सातवें दिन उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के विषय में गौरवोद्गार !

१. हमने सेवाभाव हिन्दू जनजागृति समिति से सीखा है ।

२. सनातन के साधकों में भी नम्रता एवं सेवाभाव देखने मिलता है ।’

– श्री. डिगंबर महाले, अध्यक्ष, श्री मंगलग्रह सेवा संस्था, अमलनेर (जिला जलगांव)

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में अनिवासी भारतीय व्यवहार कार्यालय के आयुक्त तथा पूर्व सांसद श्री. नरेंद्र सावईकर उपस्थित हुए !

पूर्व सांसद श्री. नरेंद्र सावईकर (दाईं ओर) को श्रीकृष्ण का चित्र भेंट देते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के सप्तम दिन (२२.६.२०२३ को) केंद्रशासन के अनिवासी भारतीय व्यवहार कार्यालय के आयुक्त तथा पूर्व सांसद श्री. नरेंद्र सावईकर उपस्थित थे । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने पुष्पहार डालकर तथा श्रीकृष्ण का चित्र, शॉल तथा श्रीफळ देकर उनका सत्कार किया ।

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