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बिहार के दरभंगा में एनआईए का छापा, प्रतिबंधित पीएफआई के खिलाफ हो रही कार्रवाई

रियाजुद्दीन की किताब दुकान में छापा

मदरसे में पढने वाला एक युवक हिरासत में

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और बिहार ATS की टीमों ने मिल कर पटना में छापेमारी की है। इस छापेमारी का कनेक्शन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) से जुड़ा बताया जा रहा है। दबिश के दौरान एक किताब की दुकान पर भी टीमें पहुंची हैं। एक अन्य टीम के दरभंगा भी पहुंचने की जानकारी सामने आई है। रविवार (२ जुलाई, २०२३) को हो रही इस कार्रवाई के दौरान एक संदिग्ध को हिरासत में भी लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार-रविवार रात लगभग २ बजे NIA और ATS की टीमें समूहिक रूप से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में पहुंचीं। जांच एजेंसियां यहां इमारत-ए-शरिया के सामने स्थित एक बुक स्टॉल पर पहुंचीं। यह स्टॉल मोहम्मद रियाजउद्दीन कासमी नाम के व्यक्ति का बताया जा रहा है। जांच एजेंसियों ने इस स्टॉल को खंगाला। हालांकि, छापेमारी के दौरान क्या मिला इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है। NIA की टीम रियाजुद्दीन के घर पर भी गई, जहाँ से उसने २ मोबाइल फोन अपने कब्ज़े में ले लिया है।

वहीं जानकारी के अनुसार NIA- ATS की एक अन्य साझा टीम ने दरभंगा जिले के बहेड़ा थाना क्षेत्र में दबिश दी है। यह दबिश गांव गाजियाना और छोटकी बाजार में दी गई है। कार्रवाई की पुष्टि एसएसपी दरभंगा IPS अवकाश कुमार ने भी की है। बताया जा रहा है कि जांच दल ने मदरसे में पढने वाले एक युवक को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिया गया युवक अरबी भाषा का जानकार है जो ट्रांसलेशन किया करता था।

अब तक मिले इनपुट के मुताबिक पकड़े गए संदिग्ध का ISI कनेक्शन भी सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई बिहार ATS द्वारा तमिलनाडु से पकड़े गए मुमताज अंसारी नाम के व्यक्ति से पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर की गई है।

बतातें चलें कि जुलाई २०२२ में पटना पुलिस द्वारा फुलवारी शरीफ इलाके में PFI के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया गया था। यहाँ युवाओं को न सिर्फ कट्टरपंथ बल्कि हथियारों और शारीरिक ट्रेनिंग दे कर साल २०४७ तक भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के लिए तैयार किया जा रहा था। बिहार पुलिस द्वारा यह केस दर्ज होते ही इस से जुड़ा मुमताज अंसारी फरार हो गया था। मूल रूप से वह पूर्वी चम्पारण के महिषी थानाक्षेत्र का रहने वाला है।

उसकी तलाश में बिहार ATS १० दिनों तक तमिलनाडु में रुकी रही। आखिरकार उसकी लोकेशन तिरिवल्लूर में एक पेन्नार नाम की कम्पनी में मिली जहाँ मुमताज अपना पहचान बदलकर काम कर रहा था। बिहार ATS ने बाद में मुमताज को NIA के हवाले कर दिया था।

स्त्रोत : ऑप इंडिया

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