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महाराष्ट्र में ISIS के स्लीपर सेल का पर्दाफाश, भारत के खिलाफ जिहाद के लिए युवाओं को बम बनाने और हथियारों का प्रशिक्षण

NIA की छापेमारी, ४ आतंकी गिरफ्तार

महाराष्ट्र में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के स्लीपर सेल का पर्दाफाश राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने किया है। राज्य के अलग-अलग शहरों में छापेमारी कर चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। भारत के खिलाफ जेहाद के लिए युवाओं को बम बनाने और हथियारों की ट्रेनिंग देने की बात भी सामने आई है।

NIA ने सोमवार (३ जुलाई २०२३) को महाराष्ट्र के ५ जगहों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान ४ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम ज़ुबैर नूर, ज़ुल्फ़िकार अली, शरजील शेख और मोहम्मद शेख उर्फ़ अबू नुसैबा हैं। इनके पास से आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद हुए हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक २८ जून को NIA ने ISIS के महाराष्ट्र मॉड्यूल को लेकर केस दर्ज किया था। इसी सिलसिले में सोमवार को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने ख़ुफ़िया सूचना के आधार पर मुंबई, ठाणे और पुणे के कुल ५ अलग-अलग जगहों पर दबिश दी। इस छापेमारी में दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा से ताबिश नासिर सिद्दीकी, पुणे के कोंढवा इलाके से जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ अबू नुसैबा के अलावा ठाणे के पडघा से जुल्फिकार अली बड़ौदावाला और शरजील शेख को गिरफ्तार किया गया।

जाँच दल द्वारा इन सभी के घरों की तलाशी भी ली गई। तलाशी के दौरान ISIS से संबंधित भड़काऊ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स मिले हैं। NIA की टीम इन दस्तावेजों को जब्त कर जाँच कर रही है। मीडिया को दिए गए अपने बयान में NIA ने बताया है कि शुरुआती पड़ताल में जब्त दस्तावेज भारत विरोधी और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने से संबंधित पाए गए हैं।

जाँच एजेंसी ने इन सभी की हरकतों को भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और सम्प्रभुता के लिए खतरा बताया है। इन सभी पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश का आरोप है। आरोपित स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। युवाओं को कट्टरता का पाठ पढ़ाने के अलावा विस्फोटक उपकरणों और हथियारों को बनाने की ट्रेनिंग देने का भी आरोप है। बरामद हुए दस्तावेजों में इन चारों द्वारा आईईडी बनाने के साथ छोटे हथियारों और पिस्तौल बनाने के लिए ‘डू इट योरसेल्फ (डीआईवाई)’ किट साझा करने का खुलासा हुआ है।

गिरफ्तार हुए चारों आरोपित विदेश में बैठे किसी आका से निर्देश ले रहे थे। वहीं से मिले आदेश पर इन सभी ने भड़काऊ मीडिया सामग्री तैयार कर ‘वॉयस ऑफ हिंद’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित करवाया था।

स्त्रोत : आॅप इंडिया

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