लोकगायिका नेहा सिंह राठौर पर भोपाल के हबीबगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन पर यह एफआईआर अपने ट्विटर अकाउंट से एक विवादित ट्वीट पोस्ट किए जाने पर दर्ज कराई गई है, जिसमें आरएसएस का ड्रेस पहने एक व्यक्ति सामने बैठे व्यक्ति पर पेशाब करता दिखाई पड़ रहा है।
दावा किया जा रहा है कि यह पोस्ट सीधी कांड से प्रेरित है। सीधी में एक व्यक्ति ने एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया था। एफआईआर में गायिका पर आरएसएस और आदिवासी समुदाय में शत्रुता पैदा कराने का आरोप लगाया गया है। उन पर भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 153A लगाई गई है। इस धारा में जाति, धर्म, निवास, भाषा जैसे मामलों में दो समूहों में शत्रुता पैदा करने से संबंधित मामले दर्ज किए जाते हैं।
दरअसल, नेहा सिंह राठौर ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने अपने लोकप्रिय गाने ‘यूपी में का बा’ की तर्ज पर जल्द ही ‘एमपी में का बा’ लाने की बात कही है। पोस्ट में एक मीम भी जोड़ा गया है, जिसमें आरएसएस की ड्रेस पहने एक व्यक्ति को सीधी कांड की तरह एक अन्य व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया गया है। इस पोस्ट में अरेस्ट प्रवेश शुक्ला का हैशटैग भी जोड़ा गया है, जो सीधी कांड का आरोपी था। 6 जुलाई को सुबह 10.39 बजे की गई यह पोस्ट बहुत जल्द चर्चा में आ गई और उसके बाद लोगों ने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी।
इसके बाद ही भाजपा के एक कार्यकर्ता सूरज खरे ने इसे आरएसएस और आदिवासियों के बीच वैमनस्यता बढ़ाने का प्रयास मानते हुए इस पर प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच करने की बात कही है।
सीधी में क्या हुआ था?
सीधी कांड में भाजपा के एक कार्यकर्ता ने एक आदिवासी युवक पर शराब के नशे में पेशाब कर दिया था। घटना को एक साल पहले का बताया गया है, लेकिन वीडियो वायरल होने पर इसकी जबर्दस्त आलोचना हुई और आरोपी पर कार्रवाई की मांग उठने लगी। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के घर को भी बुलडोजर से गिरा दिया गया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं पीड़ित का पैर धुलकर उनका सम्मान किया। कांग्रेस ने इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बना लिया था और भाजपा पर आदिवासियों-दलितों का अपमान करने का आरोप लगाया था।
स्रोत: अमर उजाला