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गुजरात : द्वारकाधीश मंदिर में ड्रेस कोड लागू; बरमूडा, टॉप, स्कर्ट, नाइट सूट और रिप्ड जींस में प्रवेश प्रतिबंध

द्वारकाधीश मंदिर में प्रवेश के नियम में बदलाव किया गया है। ऐसे में नए नियमों का पालन नहीं करने की दशा पर श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। द्वारकाधीश मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं के पोशाक पर नया नियम लागू किया है। देश के अन्य मंदिरों की तरह द्वारकाधीश मंदिर प्रशासन ने भी यहां ड्रेस कोड जारी किया है। ड्रेस कोड के जरिए कुछ खास तरह के कपड़ों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है।

चारों ओर पोस्टर लगाकर दी गई जानकारी

शुक्रवार को द्वारकाधीश मंदिर ट्रस्ट की ओर से ड्रेस कोड लागू करने की जानकारी दी गई। ट्रस्ट ने मंदिर के बाहर इसके लिए बकायदा पोस्टर भी चिपकाया है। जिसमें लिखा गया है कि मंदिर ट्रस्ट के निर्णय के अनुसार अब से कोई भी श्रद्धालु छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। मंदिर ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार जगत मंदिर द्वारका की गरिमा बनाए रखने के लिए भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही भक्तों को कपड़े पहनने होंगे।

गुजराती-हिंदी-अंग्रेजी में दिए गए निर्देश

मंदिर के बाहर चारों तरफ ड्रेस कोड को लेकर गुजराती-हिंदी-अंग्रेजी भाषा में लिखे बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। मंदिर के बाहर लगे बोर्ड पर लिखा है कि मंदिर दर्शन की जगह है, खुद की प्रदर्शनी की नहीं। मंदिर में आने वाले सभी भक्तों से निवेदन है कि वे सादे कपड़े पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें। छोटे कपड़े, हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी टॉप, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, फ्रॉक और रिप्ड जींस जैसे कपड़े पहने हुए लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

ट्रस्टी ने बताया – ‘क्यों लगाया ड्रेस कोड’

ड्रेस कोड के बारे में द्वारकाधीश मंदिर के ट्रस्टी पार्थ तलसाणिया ने बताया कि कि यह फैसला मंदिर आने वाले कई श्रद्धालुओं की शिकायत के बाद ही लिया गया है। इस बार में कई लोगों का कहना था कि ऐसे कपड़े पहनने से दूसरे भक्तों का ध्यान भटकता है। इसी के चलते देश के की मंदिरों में अब ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है।

देश के अन्य मंदिरों में भी ड्रेस कोड

मालूम हो कि हाल ही में उत्तराखंड के तीन मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू किया गया था। इससे पहले मथुरा के राधा रानी मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू किया गया है। इसके बाद UP, मध्यप्रदेश के कई मंदिरों में भी यही नियम लागू किया जा चुका है। मंदिरों में भक्तों से हिंदू संस्कृति का पालन करने के साथ ध्यान भटकाने वाले अतरंगी और छोटे कपड़े नहीं पहनकर आने की अपील की गई है।

स्त्रोत : पत्रिका

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