झारखंड के बोकारो में एक कान्वेंट विद्यालय में छात्र को कलावा (मौली) बांधने पर टीचर द्वारा पीटने का मामला सामने आया है। पिटाई के बाद बने दबाव से पीड़ित छात्र ने अपने कलावे को ब्लेड से काट कर फेंक दिया। भाजपा और हिंदू संगठनों ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए आरोपित टीचर पर कार्रवाई की माँग की है। घटना मंगलवार (18 जुलाई 2023) की है। प्रिंसिपल ने इस मामले में आरोपित टीचर पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला बोकारो के थर्मल क्षेत्र में मौजूद कार्मेल विद्यालय का है। यहां मंगलवार को क्लास 9 में पढ़ने वाला छात्र मौली (कलावा) बाँध कर विद्यालय गया था। तभी क्लास के मॉनिटर ने छात्र द्वारा कलावा पहनने की शिकायत विद्यालय के एक टीचर अमित लकड़ा से कर दी। शिक्षक अमित ने छात्र पर कलावा उतारने का दबाव बनाया। जब छात्र ने इसे अपनी धार्मिक आस्था बताया तब अमित लकड़ा ने उसकी पिटाई कर दी। बाद में छात्र को इतना मजबूर किया गया कि उसे खुद ही ब्लेड से कलावा काट कर फेंकना पड़ा।
बोकारो: शिक्षक पर लगा कलावा पहन कर आए छात्र को पीटने का आरोप, कार्मेल स्कूल में नौवीं क्लास के छात्र के साथ ये घटना हुई है। pic.twitter.com/4dmalB5zA9
— News18 Jharkhand (@News18Jharkhand) July 20, 2023
पीड़ित छात्र ने घर पहुच कर परिजनों को इस घटना की जानकारी दी। यहां से यह मामला स्थानीय हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों की जानकारी में आया। अगले दिन बुधवार (19 जुलाई) को हिन्दू संगठनों से जुड़े दर्जनों कार्यकर्ता विद्यालय पहुंच गए। उन्होंने प्रिंसिपल सिस्टर जायस कुल्लू से इस घटना को हिन्दू आस्था पर प्रहार बताते हुए कार्रवाई की मांग की। प्रिंसिपल ने जांच करवाकर आरोपित टीचर के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है। हिन्दू संगठन के सदस्यों ने इस घटना से बोकारो के DC (उपयुक्त) को भी अवगत करवाया है। स्थानीय SDM प्रशांत कुमार ने मामला संज्ञान में होने और जाँच जारी होने की जानकारी दी है।
घटना से विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अन्य अभिभावक भी नाराज बताए जा रहे हैं। पीड़ित द्वारा प्रिंसिपल के अलावा मामले की शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी की गई है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉक्टर प्रदीप वर्मा ने कुछ समय पहले झारखंड के ही एक विद्यालय में बिंदी लगाने पर छात्रा तो आत्महत्या के स्तर तक मिली प्रताड़ना से इस घटना से जोड़ा। साथ ही उन्होंने सवाल किया है कि सनातनी प्रतीक चिन्हों से इतनी चिढ़ क्यों है ?
स्रोत : Opindia