कुंकळ्ळी (गोवा) – पुर्तगालियों के शासनकाल के विरोध में गोवा के पहले संग्राम के दिन अर्थात १५ जुलाई को स्वधर्म रक्षा के लिए प्राणार्पण करनेवाले १६ महानायकों को शासकीय स्तर पर एवं जनता की ओर से मानवंदना दी गई । शासकीय स्तर पर कार्यक्रम में पुरातत्व मंत्री सुभाष फळदेसाई एवं विरोधी पक्षनेता युरी आलेमाव ने स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पण कर मानवंदना दी ।
श्री शांतादुर्गा सेवा समिति की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम में स्मारक पर जलाभिषेक कर महानायकों को मानवंदना दी गई । इस कार्यक्रम के लिए भाजपा के नेता एवं भूतपूर्व सांसद अधिवक्ता नरेंद्र सावईकर, भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री बाबू कवळेकर आदि की प्रमुख उपस्थिति थी ।
कार्यक्रम का औचित्य साधकर डॉ. केदार फाळके ने छत्रपति शिवाजी महाराजजी के चरित्र पर आधारित ‘हिन्दू अस्मिता का आविष्कार’ पर व्याख्यान दिया । वे बोले, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज नहीं होते, तो आज एक भी मंदिर शेष नहीं रहता । शिवराज्याभिषेक से संपूर्ण हिन्दू समाज को सीखने मिला है कि हिन्दुओं का धर्मराज्य कैसा होना चाहिए ?’’
कार्यक्रम के स्थान पर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘गोवा फाईल्स’ प्रदर्शन का आयोजन
कार्यक्रम के स्थान पर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पुर्तगालियों ने ‘इन्क्विजिशन’के (धर्मछल के) माध्यम से गोमंतकीय हिन्दुओं पर किए अनन्वित अत्याचारों का सचित्र दर्शन घडवानेवाली ‘गोवा फाईल्स’ प्रदर्शन लगाया गया था । प्रदर्शन का अवलोकन करने के पश्चात लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की कि उन्हें पुर्तगालियों द्वारा किए गए अत्याचारों के विषय में ऐसी जानकारी मिली है, जिससे वे अनभिज्ञ थे ।
भाजपा के नेता एवं भूतपूर्व सांसद अधिवक्ता नरेंद्र सावईकर, भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री बाबू कवळेकर ने भी प्रदर्शन को भेट दी ।