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‘गजमुख के भगवान श्री गणेश केवल एक दंतकथा !’ – ए. एन. शमसीर के जहरीले बोल

केरल विधानसभा के धर्मांध सभापति ए. एन. शमसीर के विषैले बोल

  • यदि इस्लामी  श्रद्धास्रोतों  को लेकर हिन्दुओं ने ऐसा वक्तव्य  दिया होता, तो अबतक कट्टरपंथियों ने उनका सर धड से अलग करने की मांग कर दी होती !
  • भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है । ऐसा होने पर भी संविधान द्वारा प्रदान किए गए एक महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए शमसीर को हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाएं
  • आहत करने का अधिकार किसने दिया ? धर्म-निरपेक्षवादी इस पर कुछ नहीं बोलते, यह ध्यान में लें ! – संपादक, हिन्दुजागृति
केरल विधानसभा के सभापति ए.एन. शमसीर

तिरूवनंतरपुरम – केरल विधानसभा के सभापति ए.एन. शमसीर ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘गजमुख के भगवान श्री गणेश केवल एक दंतकथा है ।’ हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होने के प्रकरण में भाजपा एवं विहिप ने उनके विरुद्ध  पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया है । विश्‍व हिन्दू परिषद ने कहा है कि राज्यपाल एवं राष्ट्रपति को शमसीर को सभापति पद से हटाने की मांग से संबंधित निवेदन दिया जाएगा । भारतीय जनता पार्टी के तिरूवनंतपूरम जिले के उपाध्यक्ष आर.एस. राजीव ने कहा है, ‘तर्कशुद्ध विचारों को प्रोत्साहन देने के नाम पर सभापति ने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का अनादर किया है ।’

परिवाद में कहा गया है कि एर्नाकुलम जिले के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय द्वारा आयोजित ‘विद्या ज्योति’ कार्यक्रम में बोलते समय शमसीर ने हिन्दू विरुद्ध आलोचना की है । शमसीर इस्लाम  माननेवाले व्यक्ति  हैं तथा उन्होंने जानबूझकर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का अनादर किया है । उन्होंने धर्मद्वेषी वक्तव्य  देते हुए विविध धर्मों के मध्य शत्रुता निर्माण करने का प्रयास किया है ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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