नागदा के एक विद्यालय में प्रार्थना में सरस्वती वंदना व राष्ट्रीय गीत की जगह बच्चों को बाइबल सुनाई जाने व विद्यालय में छात्राओं के नाम पर फर्जी आइडी बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने के मामले में विद्यार्थी परिषद के नेताओं ने विद्यालय परिसर में नारेबाजी कर धरना दिया। विद्यार्थियों की छुट्टी होने पर गेट पर ताला लगा दिया। पुलिस ने पहुंचकर परिषद के नेताओं को समझाइश दी।
इसके साथ ही स्कूल में ICSE पैटर्न की कक्षा 7 वीं की इतिहास की किताब PAST & PRESENT: A TEXTBOOK OF HISTORY & CIVICS में ‘ईसाई धर्म का उदय’ नामक पाठ पढाया जाता है, साथ ही ईसाई प्रार्थना भी करवाई जा रही है। ये सब पाठ्यक्रम में नहीं है। इसे अलग से जोडकर करवाया जा रहा है।
प्राचार्य के जवाब से नहीं हुई संतुष्टि
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने विद्यालय परिसर में प्राचार्य की कार्यप्रणाली को लेकर धरना दे दिया। छात्रों की छुट्टी हुई तो विद्यालय गेट पर ताला लगाकर सभी विद्यार्थियों को मंगलवार को विद्यालय नहीं आने की अपील की। शिक्षक वंदना रावल से आंदोलनकारियों की नोंकझोंक हुई। कुछ देर बाद गेट का ताला खोला।
छात्र को एक महीने के लिए किया निलंबित
मौके पर नागदा पुलिस पहुंची ने कार्यकर्ताओं को समझाकर वहां से हटाया। इस संबंध में प्राचार्य अनिस से चर्चा की तो उन्होंने माता सरस्वती की तस्वीर नहीं होने की पुष्टि करते हुए कहा कि मैनेजर से चर्चा कर विचार किया जाएगा। फर्जी आइडी बनाने वाले छात्र के माता-पिता को बुलाकर उसे एक माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
नागदा के फातिमा कान्वेंट विद्यालय में छात्राओं के नाम पर विद्यालय के ही छात्रों द्वारा फर्जी आइडी बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने की जानकारी लगने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक चेतन चौहान, नगर मंत्री संस्कार रघुवंशी ने सोमवार दोपहर विद्यालय जाकर प्राचार्य से चर्चा की। प्राचार्य संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं देते हुए कार्यालय से उठकर चले गए।
स्रोत : नई दुनिया