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महाकाल की सवारी में निकलने वाले हाथी पर पेटा ने दर्ज की क्रूरता होने की शिकायत, संतों ने किया विरोध

संतों ने PETA सचिव को सुनाई खरीखोटी

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में जब भी भोलेनाथ चंद्रमौलेश्वर के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए निकलते हैं। उस समय हाथी पर उनका मन महेश स्वरूप भी विराजमान रहता है। आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से बाबा के इस स्वरूप को हाथी पर रख कर निकाला जा रहा है। यह हाथी सवारी की शान है और बच्चे हो या बूढ़े सभी को सवारी के आखिर में इसे देखने का बेसब्री से इंतजार रहता है।

लेकिन अब संस्था पीपुल फॉर एनिमल (पेटा) की सचिव प्रियांशु जैन ने बाबा महाकाल की सवारी में निकाले जाने वाले इस हाथी पर क्रूरता किए जाने की शिकायत दर्ज करवाई है। इस शिकायत पर संतों ने आपत्ति ली है और पेटा सचिव को शहर में चल रहे कत्ल खाने बंद करवाने की बातों पर ध्यान देने की सलाह देते हुए आड़े हाथों लिया है।

दर्ज करवाई गई शिकायत

पीपुल फॉर एनिमल की प्रियांशु जैन ने जीव जंतु कल्याण बोर्ड के प्रमुख सचिव को पत्र लिखते हुए महाकाल की सवारी में निकलने वाले हाथी पर क्रूरता किए जाने की शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने इस संबंध में उज्जैन कलेक्टर और एसपी को भी आवेदन सौंपा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सवारी में जो हाथी चलता है, उसे नियंत्रित करने के लिए अंकुश पर लगी कील का उपयोग किया जाता है। साथ ही इतने ज्यादा जनसैलाब के बीच हाथी के अनियंत्रित होकर लोगों को नुकसान पहुंचाने की बात भी उन्होंने कही है।

संतों ने जताई आपत्ति

पेटा सचिव द्वारा सवारी में निकाले जाने वाले हाथी पर क्रूरता की इस शिकायत की खबर जैसे ही लोगों तक पहुंची सभी ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। साधु संतों का कहना है कि अगर प्रियांशु जैन के मन में जीवो के प्रति इतनी ही संवेदनशीलता है। तो उन्हें महाकाल की सवारी में निकलने वाले हाथी की ओर ध्यान देने की जगह कत्लखाने में काटे जा रहे जानवरों की जान की चिंता करनी चाहिए। साधु संतों ने साफ तौर पर यह कह दिया है कि, बाबा महाकाल की सवारी सालों से परंपरानुसार निकाली जा रही है और इसमें किसी भी प्रकार का समझौता भक्तों द्वारा मंजूर नहीं किया जाएगा।

स्रोत : एमपी ब्रेकिंग

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