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गुजरात : तिरंगे और राष्ट्रगान के खिलाफ फतवा देने वाला मौलवी गिरफ्तार

उसकी ही प्रताडना के कारण ३ मुस्लिम युवकों ने पी ली थी फिनायल, व्हाट्सएप्प पर था ‘शरीयत’ ग्रुप

गुजरात पुलिस ने ‘तिरंगा को सलाम नहीं करना चाहिए’ और ‘राष्ट्रगान नहीं गाना चाहिए’ जैसे संदेशों को वायरल करने के आरोपित मौलवी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान मौलवी वासिफ रज़ा के तौर पर हुई है जो पोरबंदर का रहने वाला है। इन फतवों का विरोध करने वाले ३ मुस्लिम युवकों को इतना प्रताड़ित किया गया था कि उन्हें फिनायल पीने पर मजबूर होना पड़ा था। मौलवी की गिरफ्तारी शनिवार (१२ अगस्त) को हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलवी ने पुलिस के आगे यह कबूल कर लिया है कि वायरल ऑडियो क्लिप उसी की है। हालाँकि, शुरू में उसने इस से इनकार किया था। आरोपित मौलवी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए पोरबंदर के पुलिस प्रमुख भागीरथ सिंह जडेजा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ‘बहार-ए-शरीयत’ नाम का व्हाट्सएप ग्रुप चलाया जाता था।

इसी में नगीना मस्जिद के मौलवी वासिफ रज़ा और कुछ अन्य लोग एडमिन हैं। इस ग्रुप में लोग वॉइस क्लिप से सवाल पूछते हैं। बाद में उसका जवाब मौलवी देता है।

स्त्राेत : आॅप इंडिया


13 अगस्त

तिरंगे पर मौलाना ने निकाले फतवा का विरोध करने वाले 3 मुस्लिम युवकों ने पिया फिनाइल

  • कहा – किया जा रहा है प्रताड़ित
  • ‘तिरंगे को सलामी मत दो, राष्ट्रगान मत गाओ’ का जारी किया था फतवा
मौलाना द्वारा फतवे का विरोध करने वाले 3 मुस्लिम युवकों ने पी फिनाइल

गुजरात – के पोरबंदर में 3 मुस्लिम युवकों ने फिनाइल पी ली है। इंस्टाग्राम पर वीडियो बना कर उन्होंने आरोप लगाया गया है कि उनके ही समुदाय के कुछ लोग उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। असल में तिरंगा झंडा को लेकर एक मौलवी ने फतवा जारी किया। इस फतवे को उन युवकों ने ख़ारिज कर दिया था। इन तीनों मुस्लिम युवकों का आरोप है कि उन्हें इसी वजह से बदनाम किया जा रहा है। साथ ही उन्हें समाज से बाहर किए जाने की कोशिश भी चल रही है, ऐसा आरोप है।

तीनों लड़कों ने शरीयत कानून का हवाला देकर ये बताने की कोशिश की गई है कि मौलाना का फतवा गलत है, उसका आदेश सही नहीं है। ‘देश गुजरात’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कुछ दिनों पहले मौलाना की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें उसने कहा था कि मुस्लिमों को राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए लेकिन इसे सलामी देना जायज नहीं है। मौलाना हाफिज वासिफ रज़ा के इस फैसले का विरोध करने 6 मुस्लिम युवक ही उसके पास गए।

उस ऑडियो क्लिप को लेकर मौलाना से इन युवकों ने सवाल पूछा। बताया जा रहा है कि मौलाना ने तब कबूल किया कि ये आवाज उसकी ही है और उसने ही बयान दिया है। इस पर मुस्लिम युवकों ने उसे बताया कि पैगंबर मुहम्मद ने मुस्लिमों को देशभक्ति का सन्देश दिया है। इस ऑडियो के खिलाफ 2 अगस्त को विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। पुलिस में दी गई शिकायत में ‘दारुल उलूम संस्थान’ ने मौलाना के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया है।

साथ ही मौलाना और कुछ मुस्लिम नेताओं को जान से मारने की धमकी देने की बात भी शिकायत में कही गई है। केस दर्ज होने के बाद शकाली कादरी, सोहेल इब्राहिम और इम्तियाज हारून ने इंस्टाग्राम पर अपना दर्द बयाँ करते हुए फिनाइल पी लिया। पोरबंदर के एसपी भगीरथ सिंह ने इस वीडियो को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजे जाने की बात बताई है। अब ‘दारुल उलूम गौसे’ इस ऑडियो क्लिप को फर्जी बता रहा है।

क्लिप में मौलाना ने राष्ट्रगान गाने के खिलाफ भी फतवा जारी किया था। संस्था ने दावा किया है कि इन तीनों युवकों के खिलाफ पहले से ही केस दर्ज हैं और तिरंगा झंडा को लेकर उसके मौलाना ने कुछ कहा ही नहीं है। फिनाइल पीने का जो वीडियो सामने आया है, जो लकड़ी बन्दर नामक इलाके की घटना है। इसके बाद परिजनों-दोस्तों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। गुजरात पुलिस ने अस्पताल पहुँच कर तीनों ही युवकों के बयान रिकॉर्ड किए।

स्रोत : ऑपइंडिया

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