पहचान छिपाकर शादी करनेवालों को होगी कठोर सजा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है। इसमें महिला या बच्चों से दुष्कर्म पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही धर्म छिपाकर किसी महिला से शादी करने वालों को भी कठोर सजा भुगतना होगा।
जानकारों का मानना है कि देश में बढ़ रही लव जिहाद और धर्म एवं पहचान छुपाकर शादी करने के मामलों को देखते हुए इस कानून का प्रस्ताव रखा गया है। इससे लव जिहाद जैसे मामलों में निपटने में सहायता मिलेगी। इसमें पहचान छिपाकर, रोजगार या प्रमोशन का लालच देकर शादी करने को लेकर प्रावधान किया गया है।
Now, it will be a crime ‘nationally’ to fake identity to trap women (which is Modus Operandi in ‘Love Jihad’ cases). Great decision. pic.twitter.com/LYuhOPmQUu
— Arihant (@haryannvi) August 11, 2023
फिलहाल कोई भी व्यक्ति छल से झूठे वादे करके किसी महिला से यौन संबंध बनाता है तो इसे रेप की कैटेगरी में नहीं रखा जाता है। हालाँकि, अब ऐसा नहीं होगा और इसके लिए दंड का प्रावधान होगा। ऐसे व्यक्ति को दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
भारतीय दंड संहिता यानी IPC में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं था। इस संबंध में IPC की धारा 90 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी जानकारी छिपाकर यौन संबंध बनाता है तो उसे सहमति से बनाया गया यौन संबंध नहीं कहा जा सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 1860 के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को बदलने के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक पेश किया और कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उन्होंने कहा, “इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली कई सामाजिक समस्याओं का समाधान किया गया है। पहली बार, शादी, रोजगार, पदोन्नति और झूठी पहचान के झूठे वादे के तहत महिलाओं के साथ संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आएगा।”
संसद में विधेयक को पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐसे लोग भी थे, जो यौन संबंध बनाने के लिए गलत पहचान दिए थे। अब ऐसे अपराधों के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार कानून ला रही है।
बताते चलें कि ऐसे मामले अक्सर आते रहते हैं, जहाँ शादी का वादा करके महिला से यौन संबंध बना लिए जाते हैं और फिर वह व्यक्ति अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर उस महिला को धोखा देता है। इसके लिए अब कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
विधेयक में कहा गया है कि हत्या के अपराध के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी। बलात्कार के अपराध के लिए कम से कम 10 साल की जेल या प्राकृतिक जीवन तक आजीवन कारावास की सजा होगी और सामूहिक बलात्कार के लिए कम से कम 20 साल की कैद या शेष अवधि के लिए कारावास की सजा होगी।
बिल के अनुसार, यदि किसी महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो जाती है या इसके कारण महिला लगातार बेहोश रहती है तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी। उसे शेष प्राकृतिक जीवन तक उम्रकैद या मृत्युदंड तक बढ़ाया जा सकता है।
जो कोई 12 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार करेगा, उसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी। उसे बचे हुए प्राकृतिक जीवन तक उम्रकैद और जुर्माने अथवा मृत्यु तक बढ़ाया जा सकता है।
स्रोत : ऑपइंडिया