नई दिल्ली : केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा हर साल अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खेल सामने आया है। मंत्रालय की ओर से किए गए दावों के मुताबिक, छात्रवृत्ति योजना में लगभग 144 करोड़ का घोटाला हुआ है, इस मामले को अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है।
Biggest scam uncovered in minority affairs ministry!#CongressRule #MinorityScholarshipScam pic.twitter.com/7gxvhv2BL2
— Stranger (@amarDgreat) August 20, 2023
सूत्रों के मुताबिक, कुछ समय पहले सरकार ने देश के तमाम राज्यों और लगभग 100 शहरों में अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप योजना की समीक्षा और जांच की, जिसमें इस घोटाले की बात सामने आई। एक अहम सूत्र के मुताबिक, इस जांच में जहां 53 फ़ीसदी लाभार्थी फर्जी मिले तो वहीं पिछले पांच सालों में लगभग 144 करोड़ रुपये गलत तरीके से हड़पे गए। रोचक है कि यह रकम देश के महज 830 संस्थानों द्वारा गलत तरीके से ली गई। बताया जाता है कि कुछ समय पहले मंत्रालय की ओर से 34 राज्यों के 100 जिलों के भीतर यह जांच कराई गई, जिसमें 21 राज्यों के 1572 संस्थानों में से 830 संस्थान फर्जी पाए गए। इनसे जुड़े सभी लाभार्थियों के खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इनमें से ज्यादातर संस्थान या तो अस्तित्व में ही नहीं हैं या फिर काम नहीं कर रहे। बाकी संस्थानों की भी जांच चल रही है।
स्कॉलरशिप में इतने बड़े पैमाने पर हुए उस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ है। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में शक की सुई जिले के नोडल अधिकारी से लेकर बैंक कर्मचारियों, मदरसों या संस्थानों के पदाधिकारियों से लेकर लाभार्थी और उसके परिवारीजनों तक पर जा रही है। फर्जीवाड़े में जिन राज्यों में बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं, उनमें असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, यूपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, केरल, पंजाब और जम्मू कश्मीर जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
स्रोत : नवभारत टाइम्स