वक्ता : आचार्य योगेश शास्त्री, आर्य प्रतिनिधि सभा, बंगाल
सारणी
१. हिंदू, मुसलमान और धर्मशिक्षा
१ अ. मुसलमान अभिभावक धर्मशिक्षाके विषयमें आग्रही होनेके
कारण उनके बच्चोंका मन बचपनसे धर्मसंस्कारित होना तथा हिंदू अभिभावकोंकी
उदासीनताके कारण हिंदुओंको बडे होनेपर धर्मके विषयमें थोडी–बहुत जानकारी मिलना
हिंदुओंको बडा होनेपर धर्मके विषयमें बताया जाता है, जबकि मुसलमानोंको बचपनसे ही धर्मशिक्षा दी जाती है । इस कारण उनका मन धर्मसंस्कारित होता है; परंतु हिंदुओंका वैसा नहीं होता । मुसलमान बच्चोंको पांच बार नमाज न पढनेपर भोजन नहीं दिया जाता । कितने हिंदू पालक ऐसे हैं, जो अपने बच्चोंको बताते हैं कि ‘‘बेटा तू जबतक संध्यावंदन नहीं करेगा अथवा आरती नहीं करेगा, तबतक तुम्हें भोजन नहीं मिलेगा ?’’
१ आ. मुसलमानोंको नमाज पढनेका महत्त्व ज्ञात होना
मुसलमान दिनमें पांच बार नमाज पढता है; क्योंकि उसे पता है कि यदि वह ऐसा नहीं कर सकता, तो वह अपने धर्मके लिए कुछ भी नहीं कर पाएगा ।
२. आदर्श श्रीराम
२ अ. राम और कृष्णकी कथा सुनानेकी अपेक्षा उनके जैसा बननेका प्रयत्न करें !
हम राम और कृष्णजीकी कथा सुनाते हैं; परंतु राम ‘राम’ कैसे बनें और कृष्ण ‘कृष्ण’ कैसे बनें, यह नहीं देखते । श्रीराम वनवास गए, तो सभी वनवासी उनका साथ देनेके लिए तैयार हो गए ।
२ आ. समझा, पढा, देखा और उस
प्रकार आचरण भी किया, इस प्रकार रामजीका आदर्श रखें !
रावण चार वेद जानता था जबकि राम केवल एक ही वेद जानते थे । रावण रामसे अधिक विद्वान था; परंतु रावण और राममें इतना ही भेद है कि रामजीने जैसा समझा, पढा, देखा, उसी प्रकार आचरण भी किया । रावणके संदर्भमें ऐसा नहीं था; इसलिए आज रावणके पुतले जलाए जाते हैं ।
२ इ. लाखों वर्षोंके पश्चात भी श्रीराम ही सभीके आदर्श होना
आज साढे नौ लाख वर्षोंके पश्चात भी हम रामराज्यको ही आदर्श मानते हैं; क्योंकि श्रीरामजीकी कथनी–करनीमें कभी भेद नहीं था ।
३. वेदोंकी शिक्षाके अनुसार आचरण करनेका महत्त्व
३ अ. वेदोंमें बताए अनुसार आचरण कर कृष्ण ‘योगीराज कृष्ण’ बने तथा राम ‘मर्यादापुरुषोत्तम’ बने ।
३ आ. वेदोंमें बताए आचरणको छोडनेके
कारण भारतपर आसुरी शक्तियोंका आक्रमण होना
जब भारत विश्वगुरु पदपर विराजमान था, उस समय भारतमें वेदोंके बताए अनुसार आचरण होता था । जब हमने वेदोंका आचरण छोड दिया, तब आसुरी शक्तियोंका आक्रमण हुआ । हमारा धर्म वैदिक है । वैदिक धर्मकी पुनस्र्थापना करनेपर रामराज्य (हिंदू राष्ट्र) आएगा ।
३ इ. वैदिक धर्म ही हिंदुओंका खरा धर्म होना
‘बाइबल’ तथा ‘कुरान’ मानवनिर्मित हैं; परंतु वेद मानवनिर्मित नहीं हैं । इसी कारण वेद ही हमारे धर्मग्रंथ हैं । वैदिक धर्म ही हमारा खरा धर्म है । यह ध्यानमें रखनेपर धर्म–परिवर्तनकी समस्या ही नहीं उत्पन्न होगी ।’