रत्नागिरी जिले में प्रथम बार ही चिपळूण में ‘श्री ग्रामदेव जूना कालभैरव देवस्थान ट्रस्ट’की ओर से वस्त्रसंहिता प्रबोधन फलक का श्री. रमेश शिंदे के हस्तों अनावरण !
चिपळूण – व्यावहारिकदृष्टि से विद्यालय, रुग्णालय, शासकीय कार्यालय आदि स्थानों पर वस्त्रसंहिता (वस्त्रसंहिता अर्थात मंदिर में प्रवेश करते समय परिधान किए जानेवाले कपडों के संदर्भ में नियमावली- ड्रेस कोड) लागू होता है । उस अनुसार मंदिर में भी वहां के चैतन्य का भक्तगणों को लाभ हो, इस हेतु योग्य वस्त्र कौन से परिधान करना चाहिए ? इसका शास्त्र है । हिन्दू समाज बहुत समय से इस जानकारी से वंचित रहा है । यह शास्त्र हिन्दुओं तक पहुंचाना आवश्यक है । इसके लिए प्रबोधन करनेवाले फलक मंदिर में लगाने के विषय में महाराष्ट्र के अनेक मंदिरों की अनुकूलता है । अपने मंदिर में आदर्श वस्त्रसंहिता होनी चाहिए, ऐसा देवस्थानों को लगना, यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने किया ।
२७ अगस्त को शहर के ‘श्री ग्रामदेव जूना (पुराना) कालभैरव देवस्थान ट्रस्ट’की ओर से वस्त्रसंहिता प्रबोधन फलक का श्री. रमेश शिंदे एवंं श्री भार्गवराम परशुराम संस्थान के विश्वस्त ह.भ.प. अभय महाराज सहस्रबुद्धे के हस्तों अनावरण हुआ । उस अवसर पर वे बोल रहे थे ।
वस्त्रसंहिता के विषय में जानकारी देते हुए श्री. शिंदे बोले, ‘‘अब तक महाराष्ट्र राज्य में १६५ मंदिरों में वस्त्रसंहिता प्रबोधनफलक लगाए गए हैं । मंदिर एवं उनके विश्वस्तों की विविध समस्याओं के विषय में विचारविनिमय करने हेतु अष्टविनायक, ५ ज्योतिर्लिंग, साढेतीन शक्तिपीठों के साथ ३७७ मंदिरों के विश्वस्तों की उपस्थिति में इस वर्ष फरवरी के महीने में जलगांव में राज्यस्तरीय मंदिरों के विश्वस्तों की बैठक हुई ।’’ हिन्दू जनजागृति समिति की स्थापना की भूमि पर, अर्थात रत्नागिरी में इस प्रबोधन फलक का अनावरण करने का अवसर ‘श्री देव जूना कालभैरव देवस्थान ट्रस्ट’ द्वारा दिए जाने पर श्री. शिंदे ने देवस्थान का आभार व्यक्त किया । देवस्थान की ओर से श्री. रमेश शिंदे को सम्मानित किया गया ।