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दुनिया भर के मुसलमानों की ओर से बढ रही है ‘हलाल हॉलीडेज’ की मांग !

(‘हलाल छुट्टियां’ का अर्थ है वे स्थान जहाँ इस्लामी मान्यताओं के अनुसार छुट्टियों का आनंद लिया जा सकता है)

अगर हिंदुओं ने ‘हिंदू पर्यटन’ की मांग की होती तो दुनिया भर के देश चिल्ला रहे होते कि पर्यटन का भगवाकरण किया जा रहा है; 

लंदन (ब्रिटेन) – दुनिया भर के मुसलमानों की ओर से ‘हलाल हॉलीडेज’ की मांग दिन-ब-दिन बढती जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि मुसलमान ऐसी छुट्टियों के लिए इस्लामिक देशों को पसंद करते हैं। लाल हॉलिडेज़ का अर्थ है अपनी धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और नियमों के दायरे में रहते हुए छुट्टियां मनाना। ऐसा पैकेज देने वाले होटल, कंपनियां और देश मुस्लिम समाज के लोगों को उनके धार्मिक रीति-रिवाजों से समझौता किए बिना छुट्टियां मनाने की सहूलियत देते हैं।

1. ब्रिटेन की एक प्रभावशाली मुस्लिम महिला जहरा रोज ने कहा कि वह अब तक 30 से अधिक ‘हलाल छुट्टियों’ का अनुभव कर चुकी हैं। वह कहती हैं, ‘मेरे लिए हलाल छुट्टियों और सामान्य छुट्टियों के बीच सबसे बड़ा अंतर एकांत है। जहरा रोज ने यह भी कहा कि ‘हलाल छुट्टियों’ के दौरान हलाल खाना भी आसानी से उपलब्ध होता है।

हलाल हॉलिडेज़ में क्या अलग होता है?

इसमें प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाता है। होटल या रिसोर्ट में आने-जाने के लिए पर्सनल गेट होते हैं। अलग लिफ्ट होती है। महिलाओं-पुरुषों के लिए अलग-अलग स्वीमिंग पूल और एंटरटेनमेंट रूम होते हैं। उनके लिए प्राइवेट बीच होते हैं। लिहाज़ा वे बीच (Beach) पर जाकर एंजॉय कर सकते हैं।

मुस्लिम यात्रियों के कमरे आम कमरों से अलग होते हैं। उनके रूम में पवित्र कुरान रखी होती है। उन्हें नमाज के लिए कमरे में चटाई मिलती है। एक डायरेक्शन स्टिकर भी कमरे में होता है, जो बताता है कि मक्का किधर है। महिलाओं के लिए नमाज के कपड़े कमरे में होते हैं। उनसे बात करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ होता है।

हलाल हॉलिडेज़ में परोसा जाने वाला खाना भी ख़ास होता है। उन्हें हलाल मांस परोसा जाता है। खाने के साथ शराब नहीं परोसी जाती। वे चाहें तो गैर-अल्कोहल कॉकटेल पी सकते हैं। शेफ भी मुस्लिम रहते हैं ताकि किसी ग़लती की कोई गुंजाइश ना रहे।

कई कंपनियां इस्लाम धर्म की बातों का ध्यान रखते हुए पैकेज तैयार कर रही हैं। कुछ इनमें विशेषज्ञता रखती हैं, तो कुछ इसे विकल्प के तौर पर दे रहीं हैं।

2. इस्तांबुल (तुर्की) की 36 वर्षीय मुस्लिम महिला हेजर सुजोग्लू अदिगुजाई ने कहा कि उन्हें तुर्की में ‘हलाल छुट्टियों’ के लिए जगह ढूंढने में कोई समस्या नहीं हुई; लेकिन जब वे परिवार के साथ गैर-इस्लामिक देशों की यात्रा करते हैं, तो उन्हें ‘हलाल होटल’ की बहुत तलाश करनी पड़ती है। आदिगुज़ई दिन में 5 बार प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हलाल होटल’ नमाज के लिए चटाई मुहैया कराता है। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे उन लोगों के साथ रहें जो हमारे धर्म और संस्कृति का पालन करते हैं। अदिगुज़ई ने यह भी कहा कि पर्यटन उद्योग अभी तक ‘हलाल छुट्टियों’ की अवधारणा को पूरी तरह से विकसित नहीं कर पाया है।

3. ‘ग्लोबल मुस्लिम ट्रैवल इंडेक्स’ के मुताबिक, साल 2022 में ‘हलाल ट्रैवल’ कारोबार 220 अरब डॉलर तक पहुंच गया। कुछ प्रतिष्ठान ‘हलाल पर्यटन’ में विशेष रुचि दिखाते हैं जबकि अन्य इसे केवल एक विकल्प के रूप में देखते हैं। अगले 10 बरसों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी 300 अरब डॉलर की हिस्सेदारी हो जाएगी।

4. मालदीव के पर्यटन मंत्री डॉ. अब्दुल्ला मौसूम कहते हैं, ”मालदीव एक मुस्लिम देश है और हमारे पास पहले से ही मुस्लिम-अनुकूल पर्यटन है। यह सेक्टर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कई ‘रिसॉर्ट्स’ में कमरे के वितरण, कमरे के डिजाइन और भोजन के मामले में मुस्लिम-अनुकूल माहौल है।

5. भारत में भी हलाल टूरिज्म की शुरुआत काफी पहले हो चुकी है। कई राज्य, टूरिस्ट एजेंसियां और होटल मालिक हलाल हॉलिडेज़ को लेकर काम कर रहे हैं। आपको ऑनलाइन ऐसे कई टूर पैकेज मिल जाएंगे। जैसे- हिमाचल प्रदेश के एक हलाल हॉलिडे पैकेज में अरबी बोलने वाला गाइड साथ देने की बात कही गई है। कई होटल और टूरिस्ट एजेंसियां ख़ुद को हलाल सर्टिफाइड (Halal certified) घोषित कर रही हैं।

‘हलाल पर्यटन’ में मलेशिया सबसे आगे!

‘ग्लोबल मुस्लिम ट्रैवल इंडेक्स’ के मुताबिक, ‘हलाल टूरिज्म’ के क्षेत्र में ज्यादातर मुस्लिम देशों का दबदबा है। इंडोनेशिया और मलेशिया इसमें अग्रणी देश हैं। 2 गैर-मुस्लिम देशों की इस सूची में सिंगापुर (11वां स्थान) और ब्रिटेन (20वां स्थान) भी शामिल हैं। लंदन के एक पांच सितारा होटल में अब ‘हलाल मीट’ परोसा जाता है। होटल के कर्मचारियों को मध्य पूर्व के धर्म और संस्कृति को समझने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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