भोपाल (मध्य प्रदेश) – हिन्दू विद्यार्थियों को विद्यालय में माथे पर तिलक लगाने और कलाई पर लाल धागा बांधने से नहीं रोका जाएगा । हिन्दू और जैन छात्राओं को हिजाब सामान इस्लामी वेशभूषा धारण करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा । अन्य धर्मों से संबंधित ग्रंथ अथवा भाषा सीखने के लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता; कारण मध्य प्रदेश शिक्षा मंडल भी इसको मानता नहीं, ऐसा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने दमोह के गंगा जमुना उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रकरण पर सुनवाई के समय स्पष्ट किया । इस समय न्यायालय ने असफा शेख, अनस अतहर और रुस्तम अली, इन विद्यालय व्यवस्थापकों को ५० रुपए के व्यक्तिगत प्रतिज्ञापत्र पर सशर्त जमानत दी ।
‘Hindu, Jain girls shall not be forced to wear hijab’: MP High Court says in its verdict on the Ganga Jamuna School hijab row in Damohhttps://t.co/l5HmLFCJ2b
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 31, 2023
क्या है प्रकरण
३१ मई के दिन इस विद्यालय में १०वीं और १२वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए विद्यार्थियों के फ्लेक्स लगाए गए थे । इस फ्लेक्स पर हिन्दू छात्राओं के हिजाब पहने छायाचित्र प्रकाशित किए गए थे । इसके विरुद्ध शिकायत करने के उपरांत प्रशासन द्वारा की जांच में विद्यालय के गणवेश में हिसाब अनिवार्य होने का, साथ ही हिन्दू विद्यार्थियों को माथे पर तिलक लगाने और कलाई पर लाल धागा बांधने का प्रतिबंध होने की बात सामने आई । इस विद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थी को उर्दू सीखना भी अनिवार्य था । प्रार्थना भी मुसलमान पद्धति से की जाती थी । विद्यालय के कुछ शिक्षकों का धर्मांतरण भी हुआ था । यह सभी जानकारी सामने आने के उपरांत मध्य प्रदेश सरकार ने विद्यालय की मान्यता रद्द की थी ।
स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात