न्यायालय ने कहा- ‘आरोपी के खिलाफ षड्यंत्र में शामिल होने के कोई आरोप नहीं’
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी(एनआईए) की स्पेशल न्यायालय ने शुक्रवार को आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को जमानत दे दी है। एनआईए न्यायालय के जज रविंद्र कुमार ने आदेश में कहा- आरोपी के खिलाफ षड्यंत्र में शामिल होने के कोई आरोप नहीं है।
न्यायालय ने कहा – उस पर केवल आर्म्स एक्ट का आरोप है। उसके पास से तलवार बरामद हुई है या नहीं। तलवार भोंटी थी या धारदार। इसका फैसला जमानत के स्तर पर नहीं किया जा सकता है। आरोपी जुलाई 2022 से जेल में है। ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाता है। 28 जून 2022 को कन्हैयालाल की मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी।
24 अगस्त को आरोपी फरहाद की जमानत पर बहस हुई थी। फरहाद के वकील अखिल चौधरी ने कहा था कि जब घटना हुई, उस समय दर्ज एफआईआर में आरोपी का कोई नाम नहीं था। न ही उसे नामजद किया गया था।
आरोपी मीनाकारी का काम करता है। जिस तलवार के बरामद होने का दावा अभियोजन पक्ष की ओर से किया गया है। वह भोंटी है। उस तलवार पर मीनाकारी का काम करके बेचने के लिए रखा गया था। वह भी आरोपी के पास से बरामद नहीं होकर उसके पारिवारिक मकान से बरामद हुई है।
वहीं, एनआईए ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धाराओं में चार्जशीट पेश की थी। उसके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कोई आरोप नहीं लगाया गया। उसके खिलाफ षड्यंत्र के भी कोई साक्ष्य नहीं है। न ही ऐसा कोई साक्ष्य एनआईए ने पेश किया है। जिससे यह साबित होता हो कि उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा हो।
एनआईए ने कहा- सिर धड़ से अलग करने के नारे लगाए थे
जमानत का विरोध करते हुए एनआईए की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक टीपी शर्मा ने कहा कि आरोपी आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ पहले से तीन मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में पहले भी उसके पास से तलवार बरामद की जा चुकी है। जो तलवार इस बार बरामद की गई है। वह नुकीली है। इसने एक समूह में भाग लेते हुए सिर धड़ से अलग करने के नारे भी लगाए थे।
नुपुर शर्मा के खिलाफ केवल प्रदर्शन में लिया था हिस्सा
अभियोजन की दलीलों का जवाब देते हुए फरहाद के वकील अखिल चौधरी ने कहा कि आरोपी ने उदयपुर में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के स्टेटमेंट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में केवल हिस्सा लिया था।
यह प्रोटेस्ट उसके द्वारा आयोजित नहीं किया गया था। न ही आरोपी इस प्रोटेस्ट को लीड कर रहा था। वह व्यक्तिगत रूप से इस प्रदर्शन में शामिल हुआ था। वही जिन तीन मामलों का जिक्र किया गया है, उन सभी मामलों में पहले ही दोष मुक्त किया जा चुका है।
स्रोत : भास्कर