सडक दुर्घटना में घायलों को तत्काल उपाचार मिले, इस हेतु राज्य में अनेक स्थानों पर ‘ट्रॉमा केयर सेंटर’ चालू किए गए हैं; परंतु वर्ष 2021 तथा 2022 में 60 हजार सडक दुर्घटनाओं में 27 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है । यह संख्या प्रतिवर्ष बढती ही जा रही है । इसके विपरीत महाराष्ट्र में कुल 108 ‘ट्रॉमा केयर सेंटर’ को स्वीकृति मिल चुकी है; परंतु उनमें से केवल 63 कार्यान्वित है, और पूरे 45 ‘ट्रॉमा केयर सेंटर्स’ कार्यान्वित ही नहीं है, ऐसी जानकारी ‘सूचना अधिकार’ से उजागर हुई है । ऐसा अनुभव है कि गणेशोत्सव की पृष्ठभूमि पर राज्य में बडी मात्रा में यातायात बढ जाता है । इस दृष्टि से श्रद्धालुओं की सुरक्षा महत्त्वपूर्ण है । दुर्घटना में यात्रियों के प्राण बचाने के लिए उन्हें तत्काल उपचार मिलने चाहिए, इस दृष्टि से शासन अभी तक कार्यान्वित न हुए शेष 45 ‘ट्रॉमा केयर सेंटर्स’ तत्काल चालू करे, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री तथा सार्वजनिक निर्माणकार्य मंत्री से की है, ऐसी जानकारी ‘सुराज्य अभियान’ के महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्री. अभिषेक मुरुकटे ने दी ।
‘सुराज्य अभियान’ को सूचना अधिकार के अंतर्गत राज्य के 45 ‘ट्रॉमा केयर सेंटर्स’ कार्यान्वित नहीं हुए, यह ज्ञात हुआ । इसमें भी पालघर जिले में एक भी ‘ट्रॉमा केयर यूनिट’ कार्यान्वित नहीं है, जबकि सांगली जिले में हायवे के निकट स्थित इस्लामपुर में यूनिट स्वीकृत हुई है; परंतु उसकी प्राथमिक स्तर की प्रक्रिया आरंभ नहीं हुई है । मुंबई से गोवा महामार्ग पर रायगड जिले में स्थित महत्त्वपूर्ण शहर तथा औद्योगिक केंद्र माणगांव में भी ट्रॉमा केयर सेंटर चालू नहीं हुआ है । यही स्थिति पुणे-बेंगळुरू महामार्ग पर स्थित सातारा के खंडाळा की है । ‘ट्रॉमा केयर सेंटर’ राज्य की जनता के प्राणों से संबंधित अत्यंत संवेदनशील विषय है । वर्तमान सरकार जनता की समस्याएं समझकर उस पर तत्काल कृति करती है । इस दृष्टि से मा. मुख्यमंत्री महोदय निश्चित ही इस विषय की ओर ध्यान देकर इसे पूरा करेंगे, ऐसी हमें आशा है, ऐसा भी श्री. मुरुकटे ने कहा ।