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केरल के मंदिर में आरएसएस की शाखा लगाने पर उच्च न्यायालय ने लगाया प्रतिबंध, पुलिस को दिया सख्ती का आदेश

याचिका में कहा था- RSS मंदिर में ट्रेनिंग सेशन चलाता है

केरल उच्च न्यायालय ने तिरुवनंतपुरम के श्री सरकारा देवी मंदिर में ड्रिल और हथियार प्रशिक्षण पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने इसको लेकर 12 सितंबर को देवस्वोम कमिश्नर और प्रबंधक अधिकारी को निर्देश दिए हैं। असल में एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ड्रिल और हथियारों का प्रशिक्षण कराता है।

जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजितकुमार की बेंच ने फैसले में कहा कि मंदिर में हथियार प्रशिक्षण से जुड़ी कोई भी गतिविधि अवैध मानी जाएगी। श्री सरकारा देवी मंदिर का प्रबंधन त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) के हाथों में है।

इससे पहले मई में त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी मंदिरों को एक पत्र जारी किया था, जिसमें स्पष्ट रूप से आरएसएस को मंदिर परिसर के भीतर सामूहिक अभ्यास और अन्य गतिविधियों के आयोजन पर रोक लगा दी गई थी।

कोर्ट ने सुनवाई में क्या कहा ?

  • मंदिर में हथियार प्रशिक्षण संबंधित कोई भी गतिविधि अवैध मानी जाएगी।
  • मंदिर के भीतर शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की जरूरत है।
  • प्रशासनिक अधिकारी और मंदिर मैनेजमेंट समितियां सामूहिक अभ्यास और हथियार प्रशिक्षण गतिविधियों पर नजर रखें।
  • मंदिर के अनुष्ठानों और आस्था में राजनीति का कोई स्थान नहीं है।

याचिका में असुविधाओं की दलील दी गई

उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ताओं ने मंदिर में अभ्यास और प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की वजह से तीर्थयात्रियों, महिलाओं और बच्चों को होने वाली परेशानी और असुविधा का हवाला दिया था। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड और मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद ये गतिविधियां रोज शाम 5 बजे से रात 12 बजे तक जारी रहीं।

स्रोत : दैनिक भास्कर

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