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गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में यात्रियों की ठगी जारी; शासन ‘ऑनलाइन बुकिंग एप’पर कब कार्रवाई करेगा ? – ‘सुराज्य अभियान’ का शासन से प्रश्न

गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में लाखों गणेशभक्त अपने गांव जा रहे हैं । इस अवसर का लाभ उठाते हुए ‘रेड बस’, ‘मेक माइ ट्रिप’ तथा अन्य निजी यात्रा बुकिंग एप के माध्यम से बडी मात्रा में गणेशभक्त तथा यात्रियों को ठगा जा रहा है । एस.टी. बस की तुलना में डेढ गुना अधिक भाडा वसूलने का शासकीय आदेश होते हुए भी निजी बस संचालक यात्रियों से दुगुने, तिगुने और कभी-कभी चार गुना भाडा वसूल रहे हैं । परिवहन विभाग ने गणेशोत्सव के समय यात्रियों को ठगी का सामना न करना पडे, इसके लिए शिकायत करने हेतु 8850783643 का व्हॉट्सएप क्रमांक जारी किया है; परंतु आज के ऑनलाइन युग में ८० से ९० प्रतिशत वाहनों का आरक्षण निजी यात्रा टिकिट बुकिंग एप द्वारा ऑनलाइन किया जाता है और राज्य परिवहन विभाग का इस ओर ध्यान ही नहीं है । गणेशभक्तों पर छाया ऑनलाइन ठगी का विघ्न दूर करने हेतु मुख्यमंत्री मा. एकनाथ शिंदे आगे बढें, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ की ओर से की गई है ।

इस विषय में परिवहनमंत्री तथा मुख्यमंत्री, परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त को निवेदन दिया गया है । विगत कुछ वर्षाें से संघर्ष करने के कारण कुछ स्थानों पर शिकायत क्रमांक, यात्रा दरपत्रक परिवहन विभाग ने जारी किए हैं । कुछ वर्ष पूर्व मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार परिवहन विभाग ने डेढ गुना भाडा वृद्धि करनेवाला शासकीय आदेश जारी किया; परंतु अनेक वर्षाें से उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा था । इसके विरोध में सुराज्य अभियान ने राज्यव्यापी आंदोलन तथा अभियान चलाकर परिवहन विभाग में शिकायतें कीं । तत्कालीन परिवहन आयुक्त डॉ. अविनाश ढाकणे से भेंट की । वर्तमान परिवहन आयुक्त श्री. विवेक भिमण्णवर से भी इस विषय में संवाद किया जा रहा है ।

नवी मुंबई उपप्रादेशिक परिवहन विभाग ने रत्नागिरी से नवी मुंबई शासकीय दरपत्रक सार्वजनिक किया है; परंतु अन्य स्थानों के यात्रियों का क्या ? इससे भी आगे ‘सर्ज प्रायसिंग’ के (मांग बढने पर दर बढती है) नाम पर ऑनलाइन एप पर निजी बस की टिकिट दरें सामान्य की तुलना में चार गुना कैसे बढ जाती हैं ? उदा. वातानुकूलित शयनयान बस के लिए ३.२२ रुपए प्रति कि.मी. का दरपत्रक शासन ने निर्धारित किया है । ऐसे में शीव (मुंबई) से रत्नागिरी इस ३४४ कि.मी. की यात्रा के लिए १,११० रुपए लिए जाने चाहिए; परंतु १५०० से २२०० रुपए तक वसूले जा रहे हैं । अन्य स्थानों की भी यही स्थिति है । ऐसे में निजी ट्रैवल्स के जालस्थलों (वेबसाइट्स) पर अथवा एप पर विभिन्न यात्रा दर न रखते हुए शासनमान्य दर की डेढ गुना दर रखने के आदेश जारी किए जाएं । इन नियमों का उल्लंघन करनेवालों पर अपराध प्रविष्ट किया जाए, साथ ही इन निजी कंपनियों की अनुमति निरस्त की जाए, ऐसी मांग ‘सुराज्य अभियान’ के राज्य समन्वयक श्री. अभिषेक मुरुकटे ने की ।

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