ऐसा आदेश क्यों देना पडता है ? प्रशासन यह भूमि स्वयं ही अपने नियंत्रण में क्यों नहीं लेती ? -संपादक
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – प्रयागराज उच्च न्यायालय के मथुरा खंडपीठ ने छाता तालुका के प्रशासकीय अधिकारियों को आदेश दिया कि मथुरा के बांके बिहारी महाराज मंदिर की जिस भूमि पर मुसलमानों ने कब्रस्तान बनाया है, वह भूमि पुन: मंदिर के नाम कर दी जाए ।
‘Restore graveyard land in name of Banke Bihari Ji Maharaj temple’: Allahabad HC directs Mathura admin to correct land recordshttps://t.co/qI8nagAjh3
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 17, 2023
१. ‘श्री बिहारीजी सेवा ट्रस्ट’ने इस संदर्भ में याचिका प्रविष्ट की थी । इसमें कहा था कि वर्ष २००४ में महसूल विभाग के कागदपत्रों में फेरफार कर उस भूमि को मुसलमानों का कब्रस्तान दिखाया था । इस संदर्भ में ११ अगस्त २०२३ में उच्च न्यायालय ने इसकी जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश दिया था । इसके साथ ही पूछताछ भी की कि वर्ष २००४ में भूमि का मालकी अधिकार कैसे बदल गया ? कागद-पत्रों में फेरफार कैसे हुई ?
२. इस प्रकरण में धर्म रक्षा संघ के श्री. रामअवतार गुर्जर ने कहा कि भोला पठान नामक ने अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से भूमि हडप ली थी । पठान समाजवादी पक्ष का बूथ अध्यक्ष था । मुसलमानों ने इस भूमिपर ऐतिहासिक बांकेबिहारी का सिंहासन तोडकर वहां मजार बनाई थी ।
स्रोत: दैनिक सनातन प्रभात