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‘गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति न दी जाए..’, अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने किया खारिज

हुबली (कर्नाटक) : कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ पीठ ने आज यानी शुक्रवार (15 सितंबर) को हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह पर रोक लगाने की मांग करने वाली अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका के बाद हिंदू समर्थक संगठनों ने गणेश चतुर्थी मनाने देने की अनुमति की मांग करते हुए हुबली धारवाड़ महानगर पालिका कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था।

उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने लोगों को मिठाइयां बांटीं।  प्रमोद मुथालिक ने एक बयान में कहा कि ‘अंजुमन-ए-इस्लाम का गणेश चतुर्थी समारोह को रोकने के लिए अदालत जाना सही नहीं है। हमें 11 दिनों तक त्योहार मनाने के लिए हुबली धारवाड़ महानगर पालिका से अनुमति की आवश्यकता है।’ बता दें कि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अदालत में एक याचिका दायर होने के बाद पिछले साल हुबली ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की इजाजत दे दी थी।

हालाँकि, BBMP और कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड के बीच चल रहे संपत्ति विवाद के कारण बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की इजाजत नहीं दी गई थी। बता दें कि, कर्नाटक का वक़्फ़ बोर्ड फ़िलहाल बी ज़ेड ज़मीर खान के अधीन है, जो कांग्रेस के विधायक एवं मंत्री हैं। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में कहा था कि, ईदगाह मैदान HDMC की संपत्ति है और मुसलमानों के लिए साल में दो बार नमाज अदा करने के अलावा मैदान का इस्तेमाल किसी अन्य वैध उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, इसके बाद HDMC ने पिछले साल मैदान में गणेश मूर्ति की स्थापना की अनुमति दे दी थी। लेकिन, इस साल राज्य में सरकार बदलने के बाद अंजुमन-ए-इस्लाम समिति ने फिर से विरोध करना शुरू किया, हालाँकि, हाई कोर्ट में उनकी याचिका ख़ारिज हो गई है।

स्रोत: newstracklive

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