Menu Close

उज्जैन (मध्यप्रदेश) : महाकाल मंदिर में लागू हुआ ड्रेस कोड, गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड किया आवश्यक

धोती में पुरुष, साडी में महिलाएं होने पर ही गर्भगृह में प्रवेश

उज्जैन (मध्यप्रदेश) : विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में वीआईपी और सामान्य श्रद्धालुओं के प्रवेश को फिर से शुरू करने की मंशा को लेकर श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की एक बैठक श्री महाकाल महालोक के कंट्रोल रूम में कलेक्टर एवं श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें एक बड़ा निर्णय लिया गया कि जिस प्रकार वीआईपी श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश के दौरान भारतीय परिधान पहनते हैं, अब उसी तरह आम श्रद्धालुओं को भी गर्भगृह में प्रवेश के लिए भारतीय परिधान पहनना होंगे, जिसके बाद ही उन्हें गर्भगृह में प्रवेश मिल पाएगा।

बैठक के दौरान कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इस बात को स्पष्ट रूप से कहा कि महाकाल मंदिर में आम श्रद्धालुओं के गर्भगृह में प्रवेश के लिए अब तक कोई ड्रेस कोड निर्धारित नहीं था, लेकिन गर्भगृह में वीआईपी श्रद्धालुओं के अलावा अब आम श्रद्धालुओं को भी भारतीय परिधान पहनना होगा। इसके लिए पुरुष वर्ग को गर्भगृह में धोती-कुर्ता और सोला पहनकर ही प्रवेश दिया जाएगा, जबकि महिलाओं को केवल साड़ी पहनकर ही प्रवेश मिलेगा, जबकि 10 साल तक की बालिकाएं केवल सलवार-सूट पहनकर ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकती हैं। गर्भगृह में प्रवेश के लिए जींस, शर्ट, टी-शर्ट, पैंट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि इस बार श्रावण भादो मास में कुल दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए और इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई, जबकि पूर्व में इन्हीं व्यवस्थाओं को लेकर शिकायत दर्ज होती थी। इस बार पुलिस-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से बाबा महाकाल के सभी श्रद्धालुओं को सरल और सुलभ रूप से दर्शन हुए हैं।

गर्भगृह में प्रवेश की प्रक्रिया हो रही तैयार

बैठक के दौरान बताया कि ढाई महीने बाद विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं को फिर से प्रवेश दिया जाना है, जिसको लेकर एक प्रक्रिया तैयार की जा रही है। पूर्व में गर्भगृह में प्रवेश की जो भी व्यवस्था थी, उसे अब बदला जा रहा है। प्रक्रिया बनाने के दौरान इस बात का ध्यान भी रखा जा रहा है कि जो श्रद्धालु कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल के दर्शन करते हैं, उन्हें गर्भगृह में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के कारण किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. इसीलिए लगभग एक सप्ताह बाद गर्भगृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा।

स्रोत: tv9 hindi 

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *