नई दिल्ली: वे दोनों करीब 10 साल से एक दूसरे को जानते थे। सहकर्मी थे। एक बार उसे पैसे की सख्त जरूरत हुई तो पिंकी ने झट से मदद की। यह कोई छोटी राशि नहीं थी। पिंकी ने उसे कुल 11 लाख रुपये दिए थे। 42 साल की पिंकी ने 41 साल के जाकिर से पैसे मिलने का काफी इंतजार किया। उसने कर्ज चुकाने का वादा किया था लेकिन जाकिर तो दगाबाज निकला। काफी समय तक उसने बहाने बनाए फिर जब पिंकी पैसे लेने पर अड़ गई तो जाकिर ने एक खौफनाक साजिश रची। बताते हैं कि वह पिंकी को बहाना बनाकर ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क ले गया। वहां एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसने पिंकी के सीने पर खंजर घोंप दिया। दोस्त जाकिर अब ‘जल्लाद’ बन चुका था। उसने दोस्त पिंकी को न सिर्फ मारा बल्कि उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया जिससे उसकी पहचान भी न हो सके। पिंकी घर नहीं लौटी तब मदनगीर में उसके घरवाले पुलिस के पास पहुंचे।
दिल्ली
– मोहम्मद जाकिर ने पिंकी पर कई बार चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी और उसके चेहरे पर तेजाब डाल दिया।
– पिंकी का दोष: उसने उसे 11 लाख रुपये का ऋण दिया था और अब वह उससे ऋण वापस करने का अनुरोध कर रही थी।
– कुछ हिंदू लड़कियाँ कभी सबक नहीं सीखेंगी। pic.twitter.com/oLESZQcGoU
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) September 15, 2023
पिंकी निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर क्लर्क थी और जाकिर एक टेक्नीशियन था। वह 8 सितंबर को लापता हो गई। उसकी बेटी ने अगले दिन पुलिस से संपर्क किया। अंबेडकर नगर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, उसी शाम यूपी पुलिस को पिंकी का विकृत शव और कुछ दस्तावेज मिले। इसकी मदद से पिंकी के परिवार से संपर्क हो पाया। घरवालों को तब जाकर पता चला कि पिंकी अब कभी वापस नहीं आएगी।
जाकिर ने पिंकी को क्यों मारा?
दोनों पुलिस टीम की तकनीकी जांच से एक कॉमन लिंक का पता चला। एक नंबर जो पिंकी से कनेक्टेड था, उसकी कॉल डीटेल से मिला। वह जाकिर का था, जो लापता हो चुका था। उसका फोन बंद आ रहा था। उसने एक हफ्ते के लिए काम से छुट्टी भी ले रखी थी। पुलिस को अब संदिग्ध तक पहुंचना था। हत्या से पहले कई जगहों से मिले सीसीटीवी फुटेज में उसे और पिंकी को साथ देखा गया।
पुलिस को पता था कि वे मामले को सुलझाने के बहुत करीब पहुंच चुके हैं। अगले 24 घंटों में इंस्पेक्टर किशन कुमार और धीरज महलावत की टीम ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुभाष विहार इलाके में और आसपास करीब 60 जगहों पर छापा मारा, जहां जाकिर रहता था। जल्द ही उसे ढूंढ लिया गया। कुछ ही देर में मामला सुलझा लिया गया। जी हां, तकनीकी साक्ष्य और फुटेज सामने रखने पर जाकिर ने कथित तौर पर अपराध स्वीकार कर लिया।
इसके बाद जो कहानी पता चली वह वर्षों की दोस्ती से लेकर विश्वासघात की थी। जाकिर ने पैसे की दिक्कत की बात कहते हुए पिंकी से कुछ पैसे उधार लिए थे। बाद में दावा किया कि उसने इसे कमेटी में निवेश किया है और अच्छा रिटर्न मिलेगा। जाकिर ने पिंकी से पैसे निकालने के लिए कई आकर्षक योजनाओं को लेकर कहानियां गढ़ीं। दोस्ती के लिए पिंकी ने पर्सनल लोन भी ले लिया।
पहले जाकिर को विश्वास था कि वह न केवल पिंकी का हिस्सा वापस करेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि वह अच्छा प्रॉफिट कमाए। जब जाकिर के पास 11 लाख रुपये उधार हो गए तब पिंकी ने पैसा वापस करने के लिए कहना शुरू किया। कोविड का दौर आया और जाकिर एक और बहाना लेकर आया। उसने कहा कि महामारी ने बर्बाद कर दिया है और उसे थोड़ा समय चाहिए।
एक चाकू और तेजाब की बोतल
इस साल पिंकी ने नया घर ढूंढना शुरू किया और जाकिर से कहा कि उसे अपने पैसे वापस चाहिए। पिछले महीने उसे पता चला कि जाकिर ने हाल में एक घर बेचा है। उसने पैसे वापस लेने का दबाव बनाया लेकिन जाकिर का इरादा बदल चुका था। 7 सितंबर को जाकिर उसके साथ नोएडा गया और सेक्टर 18 के एक मॉल में गया। उसने उसे अपने साथ ग्रेटर नोएडा चलने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन पिंकी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि उसे घर जाना है। अगले दिन जाकिर ने नॉलेज पार्क में एक बढ़िया संपत्ति की डील की कहानी बनाई और पिंकी चली गई। उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह एक जानलेवा जाल में फंस रही है। उसकी हत्या करने के बाद जाकिर ने चाकू और तेजाब की बोतल नोएडा के सेक्टर 148 में फेंक दी। जब पिंकी रात तक घर नहीं लौटी तो उसकी बेटी ने अगले दिन पुलिस से संपर्क किया। उसने कहा कि उसके भाई ने 8 सितंबर को मां को निजामुद्दीन स्टेशन पर उनके ऑफिस में छोड़ दिया था और वह कुछ घंटे बाद लापता हो गई।
स्रोत : नवभारत टाइम्स