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ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का संतों के सानिध्य में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने किया अनावरण

  • अद्वैत लोक का शिलान्यास
  • हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले जी की वंदनीय उपस्थिती !

ओंकारेश्वर, मध्यप्रदेश – मांधाता पर्वत पर संत सान्निध्य में आदि गुरु शंकराचार्य की अष्टधातु 108 फीट ऊंची एकात्मता की प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को किया । (इसी मान्धाता पर्वत पर शंकराचार्य जी के जीवन में गोविंद भगवत्पाद गुरु रूप में आए ।) साथ ही मांगलिक अनुष्ठान के साथ 2 सहस्र 200 करोड रूपये की लागत से बनने वाले अद्वैत-लोक का शिलान्यास किया ।

ओंकारेश्वर में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शंकराचार्य प्रतिमा अनावरण के पश्चात सिद्धवरकूट क्षेत्र में ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया गया था । इस कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, स्वामी अवधेशानंद जी गिरी महाराज, स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज, स्वामी परमात्मानंद जी महाराज, स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज, स्वामी तीर्थानंद जी महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले सहित देश-भर से आए साधु-संत, विद्वान मंच पर उपस्थित थे।

ओंकारेश्वर में संतजनों के आगमन पर केरल की पारंपरिक पद्धति से अतिथियों का स्वागत किया गया। विभिन्न राज्यों से आये सांस्कृतिक नृत्य-दलों के कलाकारों ने शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुति देते हुए अध्यात्मधाम में सभी का स्वागत किया।

कार्यक्रम पश्चात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इनसे संवाद करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले । इस समय सद्गुरु डॉ. पिंगले जी ने उन्हें धर्मशिक्षा फलक यह ग्रंथ भेंट किया।

सनातन संस्कृति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक नृत्यों ने कार्यक्रम स्थल को आध्यात्मिक भाव से सरोकार कर दिया। अद्वैत-लोक के मांगलिक अनुष्ठान के अवसर पर मान्धाता पर्वत पर उपस्थित जनों को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वातावरण में अध्यात्म की दिव्य अनुभूति हुई।

ओंकारेश्वर में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शंकराचार्य प्रतिमा अनावरण के पश्चात सिद्धवरकूट क्षेत्र में ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया गया था । इस कार्यक्रम में  संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, स्वामी अवधेशानंद जी गिरी महाराज, स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज, स्वामी परमात्मानंद जी महाराज, स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज, स्वामी तीर्थानंद जी महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले सहित देश-भर से आए साधु-संत, विद्वान मंच पर उपस्थित थे।

ब्रह्मोत्सव कार्यक्रम में जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरी जी महाराज इनसे संवाद करते हुए
सद्गुरु डॉ. पिंगले

एकात्मता की मूर्ति

  • एकात्म धाम में स्थापित आचार्य शंकर की प्रतिमा का नाम एकात्मता की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ वननेस) है।
  • 108 फीट की अष्टधातु मूर्ति आचार्य शंकर के बाल रूप 12 वर्ष की आयु की है।
  • मूर्ति के आधार में 75 फीट का पैडेस्टल है।
  • यह मूर्ति पाषाण निर्मित 16 फीट के कमल पर स्थापित है।
  • मूर्तिकार श्री भगवान रामपुरे एवं चित्रकार श्री वासुदेव कामत के मार्गदर्शन में मूर्ति का निर्माण किया गया है।

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