दूसरों को डरा-भगाने की थी साजिश
हरियाणा की नूंह हिंसा में अब नया खुलासा हुआ है। एक कबाड़िए ने दूसरों को डराकर भगाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नाम से धमकी भरे पोस्टर लगा दिए। उसकी मकसद था कि इससे दूसरे कबाड़ी डरकर भाग जाएंगे।
जिसके बाद वह अकेला ही कबाड़ के कारोबार का मालिक बन जाएगा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान आसिफ के तौर पर हुई। वह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के गांव सरकहड का रहने वाला है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी का कबूलनामा
गुरुग्राम के सेक्टर 69 स्थित ट्यूलिप व्हाइट सोसाइटी के सामने झुग्गियों में 26-27 अगस्त की रात को धमकी भरे पोस्टर लगे थे। गुरुग्राम की सेक्टर 39 की क्राइम ब्रांच ने इसी केस में आसिफ को पकड़ा। पूछताछ में आसिफ ने बताया कि उसकी सेक्टर 69 में कबाड़ की दुकान है। इसके आसपास कई कबाड़ियों ने दुकान कर ली। जिससे उसका काम कम चल रहा था। 31 जुलाई को नूंह में हिंसा हुई। इसके बाद से धर्म विशेष के लोगों में दहशत का माहौल था।
दोबारा यात्रा के ऐलान के बाद आया आइडिया
आसिफ ने गुरुग्राम पुलिस को बताया कि नूंह हिंसा के बाद हिंदू संगठनों ने ऐलान किया कि वह 28 अगस्त को नूंह के नलहरेश्वर मंदिर में जाकर जलाभिषेक करेंगे। उस वक्त माहौल तनावपूर्ण था। उसने भी इसका फायदा उठाया। उसे आइडिया आया कि अगर वह यहां धमकी भरे पोस्टर लगा तो ये कबाड़ी डरकर भाग जाएंगे। फिर वह अकेले ही सारा काम करेगा। इसके बाद उसने 200 झुग्गियों के बाहर पोस्टर चिपका दिए।
क्या लिखा था उन पोस्टरों में
आसिफ जानता था कि नूंह में ब्रजमंडल यात्रा में की गई हिंसा के बाद हिंदू संगठन नाराज थे। इसलिए उसने 2 बड़े पोस्टर में लिखा- ‘सूचना’ सभी झुग्गी वासी 28 अगस्त तक झुग्गी खाली करके चले जाओ। अगर नहीं गए तो अपनी मौत के जिम्मेदार वह खुद होंगे। नीचे लिखा था तुम्हारा बाप VHP। दूसरे पोस्टर में कुछ आपत्तिजनक अक्षरों का इस्तेमाल किया गया था और नीचे लिखा गया ‘बजरंग दल’।
पोस्टर देख डर गए थे झुग्गी वाले, पुलिस ने समझाया
आसिफ अपनी साजिश में कामयाब होता जा रहा था। जब 27 अगस्त की सुबह झुग्गी वालों ने पोस्टर देखे तो उनके होश उड़ गए। सब इस बात से डर गए कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने उन्हें यह धमकी दी है। इसका पता चलते ही गुरुग्राम की बादशाहपुर पुलिस वहां पहुंची।
पुलिस ने उन्हें समझाया कि यह काम VHP या बजरंग दल का नहीं बल्कि किसी शरारती का है। दोनों संगठनों ने इसकी निंदा कर पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा था। इसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी और फिर आसिफ तक पहुंच गई।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर