मुंबई – आज अपने देश में प्रत्येक चौदहवें मिनट में बलात्कार होता है । साक्षी को भीडवाले रास्ते पर चाकू के अनेक वार कर हत्या कर दी जाती है । तब आसपास के लोग मूक दर्शक बने देखते रहते हैं । इस घटना से लोगों के समाजिक दायित्व के प्रति उदासीनता और असंवेदनशीलता दिखाई देती है ।
परल विभाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल, नरे पार्क में ‘राजे फाउंडेशन’की ओर से आयोजित ‘नारी तू रणरागिणी हो’ अर्थात ‘नारी तुम रणरागिनी बनो’, इस कार्यक्रम में सनातन संस्था की प्रवक्ता श्रीमती धनश्री केळशीकर उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक सर्वेक्षण अनुसार १८ से ३० आयुवर्ग की ६० प्रतिशत महिलाआें को शारीरिक अत्याचार का कभी न कभी सामना करना ही पडता है । इस भयानक आकडेवारी को देखते हुए समाज की प्रत्येक महिला की सतर्कता एवं स्वसुरक्षा प्रशिक्षण ही महिलाआें के अत्याचारों पर उपाय है ।’’ उन्होंने महिलाआें पर होनेवाले अत्याचार एवं लव जिहाद के विषय में उपस्थितों को संबोधित किया । वे बोले, हम अपनी लडकियों को विविध प्रकार की कला, शिक्षा, नृत्य सीखने के लिए भेजते हैं; परंतु लडकियों को स्वसुरक्षाके लिए अत्यंत उपयुक्त कला नहीं सिखाते । महिलाआें पर बढते अत्याचार को देखते हुए सभी अभिभावकों को अपनी बेटियों को स्वसुरक्षा की शिक्षा देनी ही चाहिए ।
‘राजे फाऊंडेशन’के संस्थापक अध्यक्ष श्री. सिद्धांत पिसाळ, संस्थापक सचिव श्री. रोहित पिसाळ, खजांची श्री. पंकज कोल्हे, कार्यकारणी सदस्य श्री. संतोष पवार, ‘परळचा राजा’ नरे पार्क मंडल के अध्यक्ष श्री. दत्ताराम शिरोडकर एवं कार्यकारणी सदस्य श्री. स्वप्निल गुरव भी इस अवसर पर उपस्थित थे ।
राजे फाऊंडेशन नामक संस्था गत दशक से मुंबई एवं महाराष्ट्र में कार्यरत है । इस संस्था का मूल ध्येय है छत्रपति शिवाजी महाराजजी के शिवविचार एवं शिवसंस्कारों का महाराष्ट्रभर में प्रसार करना ! रक्तदान शिविर, आरोग्य शिविर, शिवजन्मोत्सव समारोह, शिववक्तृत्व स्पर्धा, विद्यार्थी गुणगौरव एवं पारितोषिक वितरण, गढ-किलों का संवर्धन और वृक्षारोपण मुहिम जैसे विविध कार्यक्रम एवं समाजोपयोगी काम संस्था आयोजित करती है ।
विशेष
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें को स्वसुरक्षा का महत्त्व विशद करनेवाली एक लघुनाटिका और स्वसुरक्षा प्रात्यक्षिक कर दिखाए । इससे उपस्थितों को ध्यान में आया कि लव जिहाद की दाहकता और उसे प्रत्युत्तर के रूप में स्वसुरक्षा की कितनी आवश्यकता है ?