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चेन्‍नई: प्राचीन श्री कालिगंबल मंदिर नियंत्रण में लेने का हिन्‍दू धार्मिक एवं धर्मादाय विभाग का प्रयत्न !

एक वृत्तवाहिनी के पत्रकार से बोलते हुए आर्.डी. प्रभु

चेन्‍नई (तमिलनाडु): यहां के पैरिस कॉर्नर में प्रसिद्ध एवं प्राचीन श्री कालीगंबल मंदिर है । यहां छत्रपति शिवाजी महाराज आशीर्वाद लेने आए थे । यह मंदिर प्राचीन काल से विश्‍वकर्मा समुदाय द्वारा पारंपरिकरूप से संभाला जा रहा है । यह निजी मंदिर है । राज्‍य के हिन्‍दू धार्मिक एवं धर्मादाय विभाग द्वारा यह मंदिर नियंत्रण में लेने का प्रयत्न किया गया । इसे मद्रास उच्‍च न्‍यायालय में आवाहन देने पर मंदिर के पक्ष में निर्णय हुआ । इसे अब हिन्‍दू धार्मिक एवं धर्मदाय विभाग ने आवाहन दिया है । यह प्रकरण अब न्‍यायालय में प्रलंबित होते हुए भी विभाग ने बताया कि वे मंदिर नियंत्रण में लेने के लिए ३ अक्‍टूबर को आएंगे । इस पर हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठनों ने आंंदोलन करने का प्रयत्न किया, तो पुलिस ने उन्‍हें नियंत्रण में ले लिया ।

आंदोलन में सम्‍मिलित श्रीमती सुगंधी जयकुमार, पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रन् तथा अन्‍य हिन्‍दुत्‍वनिष्ठ

हिन्‍दू धार्मिक एवं धर्मादाय विभाग के विरोध में भारत हिन्‍दू मुन्‍नानी के आर्.डी. प्रभु ने मंदिर परिसर में आंदोलन का आयोजन किया था । इस आंदोलन के लिए सवेरे लगभग ११ बजे ५० से ६० हिन्‍दुुत्‍वनिष्ठ एकत्र हो गए । इसमें हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से श्री. जयकुमार, श्रीमती सुगंधी जयकुमार एवं पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रन् सम्‍मिलित हुए थे । इस अवसर पर हिन्‍दू धार्मिक एवं धर्मादाय विभाग के अधिकारियों ने मंदिर के विश्‍वस्‍तों से चर्चा की । उन्‍होंने हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठों को अंदर नहीं आने दिया । तदुपरांत पुलिस ने श्री. प्रभु के साथ अन्‍य हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठों को नियंत्रण में लिया ।

संपादकीय भूमिका

तमिलनाडु में सनातन धर्म नष्ट करने के प्रतीक्षा में द्रमुक सरकार की सत्ता आने पर इससे भिन्‍न और क्‍या होगा ? ऐसी सरकार का वैध मार्ग से विरोध करने के लिए देशभर के हिन्‍दुआें को संगठित होना आवश्‍यक है !

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात 

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