10 दिन बढ़ाई गई प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की हिरासत अवधि
चीनी फंडिग केस के कारण विवादों में आए डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म न्यूजक्लिक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार (11 अक्टूबर, 2023) को उसके खिलाफ ‘विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम’ (FCRA) का उल्लंघन का केस दर्ज किया है। CBI के सूत्रों के मुताबिक, इस सिलसिले में दिल्ली में न्यूजक्लिक के दो ठिकानों पर सीबीआई की तलाशी चल रही है।
गौरतलब है कि मंगलवार (10 अक्टूबर, 2023) को ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने न्यूजक्लिक के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया है।
#WATCH | CBI conducts searches at the premises of NewsClick in Delhi.
CBI registered a case against NewsClick for violation of the Foreign Contribution Regulation Act. pic.twitter.com/Z8h3FomDxc
— ANI (@ANI) October 11, 2023
दोनों पर चीन के पक्ष में खबरें चलाने के लिए चीनी कंपनियों के जरिए से 38 करोड़ रुपए की फंडिंग का गंभीर आरोप है। इस न्यूज पोर्टल पर लगे आरोपों के बाद दोनों के खिलाफ आतंक विरोधी गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) केस दर्ज किया गया था। इसी के तहत पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई की थी।
दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की पांच दिनों की पुलिस हिरासत खत्म होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किए जाने के बाद ये आदेश दिया। इस दौरान पुरकायस्थ की तरफ से पेश वकील अर्शदीप सिंह खुराना ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का विरोध किया।
8 अक्टूबर
सिर्फ चीन ही नहीं, पाकिस्तान से भी ‘न्यूज क्लिक’ का गठजोड, ISI एजेंट गुलाम नबी के साथ सांठगांठ
दिल्ली पुलिस की FIR में खुलासा
डिजिटल न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक फंडिग केस में चीन ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी शामिल थी। ये खुलासा दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में हुआ है। दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और अन्य पर भारत की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।
न्यूजक्लिक पर आरोप है कि वो चीनी टेलीकॉम कंपनियों के जरिए चीनी प्रोपेगेंडा के लिए भारत में अवैध तरीके से विदेशी फंड लेने की ‘बड़ी साजिश’ में शामिल था। इसके साथ ही उसने इस अवैध फंडिंग के जरिए किसानों के विरोध प्रदर्शन को भी लंबा खींचने जैसे की देश की संप्रभुता के खिलाफ काम किए।
इसी को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 17 अगस्त, 2023 को न्यूज़क्लिक के पत्रकारों के खिलाफ कथित तौर पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी की धारा 153ए (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया।
इसके मुताबिक पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को अप्रैल 2018 में अमेरिका की वर्ल्ड वाइड होल्डिंग्स एलएलसी से अवैध तरीके से करोड़ों रुपए मिले थे। गौरतलब है कि न्यूजक्लिक के शेयरधारक प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा, गौतम नवलखा, गीता हरिहरन, अमित चक्रवर्ती और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी हैं।
पुलिस के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सहारे नेविल राय सिंघम ने वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग सहित कई संस्थाओं के जरिए विदेशी फंड मुहैया करवाया। जाँच में सामने आया कि न्यूजक्लिक के संस्थापक सदस्य और 2018 से इसके शेयर होल्डर गौतम नवलखा भारत विरोधी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे।
एफआईआर में जिक्र है कि नवलखा की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट गुलाम नबी फाई के साथ साँठगाँठ है। एफआईआर के मुताबिक, नवलखा 1991 से पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए थे, जब उन्होंने एक कंपनी बनाई थी जिसके जरिए पुरकायस्थ ने अवैध तौर से विदेशी धन की हेराफेरी की थी।
एफआईआर के मुताबिक, “गुप्त सूचनाओं से यह भी पता चला है कि प्रबीर पुरकायस्थ और नेविल रॉय सिंघम और कुछ अन्य चीनी कर्मचारी, जो स्टार स्ट्रीम के नाम से शंघाई की कंपनी के मालिक के बीच ईमेल का आदान-प्रदान किया है, इसमें कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने के उनके एजेंडे को उजागर करता है।”
पुलिस ने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया कि पुरकायस्थ, सिंघम और अन्य ने भारत सरकार के कोविड-19 महामारी को रोकने की कोशिशों को बदनाम करने के लिए से झूठी कहानियाँ फैलाई थी।
एफआईआर में ये भी कहा गया है, “इसके अलावा, उन्होंने घरेलू दवा उद्योग और राष्ट्र-विरोधी ताकतों के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई भारत सरकार की नीतियों और विकास की पहलों के बारे में भ्रामक और झूठी कहानी को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम किया है।”
एफआईआर के मुताबिक, पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को नुकसान पहुँचाने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (PADS) के साथ साजिश रची।
एफआईआर के एक अंश में इस बात का भी जिक्र है,”चीन से बड़ी मात्रा में धन घुमावदार और गुप्त तरीके से भेजा गया था और पेड न्यूज जानबूझकर भारत की घरेलू नीतियों, विकास परियोजनाओं की आलोचना और चीनी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को बढ़ावा देने, पेश करने और बचाव करने के लिए प्रचारित किया गया था।”
स्रोत : ऑप इंडिया