विशेष संवाद : ‘भारत के अंतर्गत शत्रु कौन ?’
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘भारत के अंतर्गत शत्रु कौन ?’ विषय पर विशेष संवाद में दिल्ली के भारतीय रक्षा विशेषज्ञ एवं ‘भारत के अंदरूनी शत्रु’ इस पुस्तक के लेखक सेवानिवृत्त कर्नल आर.एस्.एन्. सिंह ने कहा, ‘‘अंतर्गत शत्रुओं के कारण अनेक देशों की हानि हुई है । विविध युद्धसामग्री होते हुए भी अंतर्गत शत्रु एवं सांस्कृतिक भिन्नता के कारण ‘सोवियत यूनियन’के अनेक देश होते हुए हमने देखा। भारत के विविध शत्रु देश पर आघात कर रहे हैं । भारत के विरोध में ‘प्रॉक्सी वॉर’ शुरू है, जिसमें कुछ देशविरोधी राजकीय पक्ष, शिक्षणसंस्था, वकील, पत्रकारों का समूह कार्यरत है । कोई भी देश बाहर के शत्रुओं के कारण नहीं, अपितु अंतर्गत शत्रुओं के कारण बिखर जाता है । इसलिए पाकिस्तान एवं चीन, इन दो शत्रुओं सहित भारत में रहनेवाले अंतर्गत शत्रुओं का हमें विचार करना होगा !’’ हिन्दू जनजागृति समिति के देहली प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने उनसे संवाद किया ।
इस अवसर पर कर्नल सिंह आगे बोले, ‘‘हमारी लडाई केवल पाकिस्तान से नहीं, अपितु वहां उत्पन्न हुए ‘जिहाद’से है । इस जिहाद का समर्थन करनेवाले और इसमें सहायता करनेवाले लोग, ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायना’, के माओवादी, चर्च से हितैषी संबंध रखनेवाले इत्यादि, ऐसे अनेक भारतविरोधी घटकों से हमें लडना पड रहा है । जगभर में अनेक देश वहां के पंथीय अथवा धार्मिक बहुसंख्यकों के आधार पर बने हैं । भारत से अलग हुआ पाकिस्तान मुसलमानों को दिया गया । किसी भी युद्ध में पंथ अथवा धर्म की बडी भूमिका होती है । इस्रायल एवं पैलेस्टाईन में अब शुरू हुए युद्ध से भी यही दिखाई देगा । देश का बहुसंख्यक समाज जब बिखर रहा हो, तब राष्ट्रनिर्माण कैसे होगा ? पाकिस्तान एवं बांगलादेश में हिन्दुओं का नरसंहार हुआ, अब वहां शेष रह गए हिन्दुओं के लिए क्या विकल्प है ? एक काल था, जब भारत में ‘सनातन धर्मी’ और ‘देशप्रेमी’ होना, अभिशाप था । अब काल बदल गया है । जो लोग आपकी रक्षा करते हैं, उनका सम्मान करें । जब आप संकट में होते हैं, जब हिन्दू संगठन ही आपकी रक्षा करने आते हैं । कोई भी सरकारी व्यवस्था आपकी रक्षा नहीं करती है । दिल्ली में दंगे हुए, तब क्या किसी सरकारी व्यवस्था ने हिन्दुओं को बचाया था ?’’
कर्नल आर.एस्.एन्. सिंह ने हिन्दू समाज का आवाहन करते हुए कहा, ‘‘हिन्दुओं को स्वयं पर गर्व करते हुए आत्मविश्वास से आगे बढना चाहिए, तब विश्व की कोई भी शक्ति आपको नीचा नहीं दिखा सकेगी ।’’