सातारा (महाराष्ट्र) – यहां के देगाव ग्रामपंचायत ने आवाहन किया था कि ‘श्री गणेशमूर्तियां दान की जाएं; परंतु हिन्दू जनजागृति समिति के प्रबोधन पर देगाव ग्रामपंचायत प्रशासन ने श्री गणेशमूर्तियों का दान न स्वीकारने का निर्णय लिया।
इस वर्ष अत्यल्प वर्षा होने से दुष्कालग्रस्त परिस्थिति निर्माण हुई है । प्राकृतिक जलस्रोतों का संवर्धन हो, इस उद्देश्य से देगांव ग्रामपंचायत ने श्री गणेशमूर्तियों का विसर्जन सार्वजनिक तालाब में न करते हुए घर के हौद में अथवा पानी की टंकी में करने का आवाहन किया था । साथ ही सार्वजनिक श्री गणेशमूर्तियों का विसर्जन संगम माहुली एवं जैतापुर से बहनेवाली कृष्णा नदी में और जिनके लिए दाेनों प्रकार का विसर्जन संभव नहीं, वे श्री गणेशमूर्ति ग्रामपंचायत को दान दे सकते हैं ।
तत्पश्चात हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत सोनवणे एवं धर्मप्रेमी विनायक बाबर ने देगाव ग्रामपंचायत प्रशासन, सरपंच एवं उपसरपंच का प्रबोधन किया और समझाया कि श्री गणेशमूर्ति दान लेना कैसे अशास्त्रीय है ? इसे सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए देगाव ग्रामपंचायत के सरपंच, उपसरपंच एवं ग्रामसेवक ने श्री गणेशमूर्ति दान न लेने का निर्णय लिया । इसके साथ ही ग्रामपंचायत प्रशासन ने आवाहन किया कि जिन ग्रामस्थों के लिए श्री गणेशमूर्ति नदी तक ले जाना संभव नहीं, वे श्री गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन करने हेतु देगाव ग्रामपंचायत की सहायता ले सकते हैं ।
जागरूक धर्मप्रेमियों के कारण प्रबोधन !
देगाव ग्रामपंचायत की ओर से अशास्त्रीय आवाहन करने पर कुछ जागरूक धर्मप्रेमी नागरिकों ने हिन्दू जनजागृति समिति से संपर्क साधा और देगाव ग्रामपंचायत में लगाए गए अशास्त्रीय आवाहन के फलक छायाचित्र समिति को भेजे । समिति के प्रबोधन के पश्चात ग्रामपंचायत ने उस पर पट्टी लगा दी जिससे इस फलक पर मूर्तिदान संबंधी मेटर दिखाई न दे ।