ज्येष्ठ कृष्ण १२, कलियुग वर्ष ५११५
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श्री. नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री, गुजरात |
रामनाथी (गोवा) : गुजरातके मुख्यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीने ६ जून से १० जून इस कालावधिमें यहांके रामनाथ देवस्थानके सभागृहमें होनेवाले द्वितीय अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनके लिए शुभकामनाओंके साथ संदेश भेजा है । हिंदू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित इस अधिवेशनकी जानकारी प्राप्त होनेपर मुझे उसपर गर्व हो रहा है । ५ दिन चलनेवाले इस अधिवेशनमें विश्वभरसे आनेवाले महानुभावोंद्वारा हिंदू एवं विश्वकल्याणके चिंतनपर चर्चा होनेवाली है । ऐसे अधिवेशनमें उपस्थित रहनेका निमंत्रण मिलनेपर मुझे आनंद हुआ । इस महत्त्वपूर्ण हिंदू अधिवेशनकी सफलताके लिए मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं, इन शब्दोंमें श्री. मोदीजीने इस अधिवेशनके प्रति अपनी आत्मीयता व्यक्त की है ।
श्री. मोदीजी अपने संदेशमें आगे लिखते हैं, धर्म, संस्कृति एवं परंपराओंके लिए की जानेवाली जनजागृति, यह एक निरंतर चलनेवाला यज्ञकर्म है । जीवनपद्धति, सिद्धांत तथा मानवताके साथ संधान बनाए रखना ही हिंदू संस्कृति तथा धर्म की वैश्विक श्रेष्ठताका शिखर है । करुणा, सहिष्णुता और समरसता, इन त्रिगुण तत्त्वोंके कारण हिंदू संस्कृतिका अपनापन प्राचीन कालसे प्रतिष्ठित रहा है । संस्कृतिको सुरक्षित रखकर ही धर्मका ध्वज और संगठनकी आत्माकी श्रेष्ठता निरंतर बनाई रखी जा सकती है । राष्ट्रवाद, देशप्रेम तथा देशभक्तिकी परंपरासे प्रेरित होकर कार्य करनेवाला प्रत्येक संगठन अपनी प्रजाशक्तिकी पहचान है ।
हिंदुओंके भाग्यमें ही है पाश्विक वृत्तिका प्रतिकार करना !
प्रेम, मानवता और परमात्माके साथ निकटता; इसके साथ ही अहिंसा, सत्य और सात्त्विकताको विशेष महत्त्व देकर प्रत्येक हिंदूका व्यवहार हो रहा है, तब भी पाश्विक वृत्तिका प्रतिकार करना ही हमारे भाग्यमें लिखा है । प्रत्येक क्षण जागृत रहकर अत्याचारोंके विरोधमें दहाडें मारनेकी हमारी परंपरा रही है । – श्री. नरेंद्र मोदी