मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के मदरसों में विदेशी फंडिंग की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के बाद मुजफ्फरनगर में एक आदेश पर हलचल बढ़ गई है। उचित पंजीकरण या मान्यता के बिना चलने वाले अवैध मदरसों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। मदरसा प्रबंधकों को आवश्यक दस्तावेजों के लिए नोटिस भेजे गए हैं। जिला प्रशासन ने कहा है कि अकेले मुजफ्फरनगर जिले में 100 से अधिक मदरसे बिना उचित कागजात के चलाए जा रहे हैं। इनमें से 12 मदरसों को नोटिस भेजा गया कि अगर वे तुरंत बंद नहीं हुए तो प्रतिदिन 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।
मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने सोमवार को इस संबंध में बताया कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। मुजफ्फरनगर के अल्पसंख्यक विभाग ने हमें सूचित किया कि बिना उचित दस्तावेज के 100 से अधिक मदरसे चल रहे हैं। हम उनसे पंजीकरण करने और इसकी प्रक्रिया के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी स्कूल या मदरसे की मान्यता इतनी जटिल या कठिन नहीं है। मुजफ्फरनगर में जारी इस आदेश पर अब चर्चा तेज हो गई है।
स्रोत : नवभारत टाइम्स