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बच्चों के पालन-पोषण की चुनौतियां का सामना करने हेतु एवं उनके सर्वांगीण विकास हेतु नूतन ग्रंथ होगा सहायक – सद़्गुरु नीलेश सिंगबाळ, हिन्दू जनजागृति समिति

कतरास (झारखंड) में ‘आदर्श अभिभावक कैसे बनें ?’, इस हिन्दी भाषा के ग्रंथ का लोकार्पण

ग्रंथ प्रकाशन करते समय बाईं ओर श्री. शंभू गवारे, प्राचार्य श्री. अभिमन्यु कुमार, सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ, पू. प्रदीप खेमका, श्री. विक्रम कुमार राजगडिया

कतरास (झारखंड) – अभिभावक होने हेतु विशेष कुछ करने की आवश्यकता नहीं; परंतु अच्छा अभिभावक कैसे बनना है ? यह सीखना महत्त्वपूर्ण है । यह एक कला है । आपके मार्गदर्शन में आपकी संतान एक आदर्श नागरिक बन कर, देश को शांति एवं समृद्धि की दिशा में लेकर जा सकती है । ‘आदर्श अभिभावक कैसे बने ?’, यह ग्रंथ अभिभावकों को आधुनिक जगत में बच्चों के पालन-पोषण के आवाहनों का सामना करने के लिए और उनके सर्वांगीण विकास के लिए सहायक होगा, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कतरास के सरस्वती शिशु मंदिर, श्यामडीह में ‘आदर्श अभिभावक कैसे बनें?’, इस विषय पर हाल ही में मार्गदर्शन आयोजित किया गया था । इस अवसर पर सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ के शुभहस्तों सनातन का ‘आदर्श अभिभावक कैसे बने ?’, इस हिन्दी भाषा के ग्रंथ का लोकार्पण किया गया । इस प्रसंग में कतरास के प्रसिद्ध उद्योजक, सरस्वती शिशु मंदिर के अध्यक्ष एवं सनातन संस्था के पू. प्रदीप खेमका की वंदनीय उपस्थिति थी । इस अवसर पर सद़्गुरु नीलेश सिंगबाळ ने आहार, लस (वक्सीनेशन), खिलौने, पुस्तक, खेले, दूरदर्शन पर कार्यक्रमों का चयन कैसे करें ? बच्चों को अनुशासित कैसे करें इत्यादि के विषय में मार्गदर्शन किया ।

ग्रंथ का मुखपृष्ठ

इस कार्यक्रम में विद्यालय के सचिव श्री. विक्रम कुमार राजगडिया, प्राचार्य श्री. अभिमन्यु कुमार, समिति के पूर्वोत्तर भारत एवं ईशान्य राज्य समन्वयक श्री. शंभू गवारे के साथ १ ली से ६ ठी कक्षा तकके विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित थे । इस कार्यक्रम का सूत्रसंचालन प्राचार्य श्री. अभिमन्यु कुमार एवं समिति के श्री. शंभू गवारे ने किया ।

बच्चों के अच्छे व्यक्तित्वविकास के लिए प्रार्थना करें ! – पू. प्रदीप खेमका

इस अवसर पर सनातन संस्था के पू. प्रदीप खेमका बोले, ‘‘शास्त्रों में कहा गया हैै कि बालक को भगवान विष्णु का अंश समझें । उनके लिए शुक्ल पक्ष के चंद्र समान निरंतर वृद्धि के लिए आवश्यक शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक बल मिलने हेतु एवं बढती आयु के साथ उनके मन में माता-पिता, सगे-संबंधियों के प्रति प्रेम और आदर बढे, इसके लिए भगवान से प्रार्थना करें ।’’

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