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सनातन धर्म को समाप्त करने के संदर्भ में ‘हेट स्पीच’ करनेवालों पर अबतक कोई कर्रवाई क्यों नहीं ? – रमेश शिंदे, हिन्दू जनजागृति समिति

पत्रकार परिषद में श्री. रमेश शिंदे (बाएं) और साथ में प्राचार्य डॉ. अजित चौधरी

बीड (महाराष्ट्र) – भारत में संविधान एवं कानून के अस्तित्व में होते हुए भी उदयनिधि स्टालीन, प्रियांक खर्गे जैसे मंत्री सनातन धर्म की डेंग्यू, मलेरिया, एच.आइ.वी. के रोगों से तुलना कर सनातन धर्म ही समाप्त करने की अतिरेकी एवं अर्बन नक्सलवादियों की भाषा बोल रहे हैं । उसके भी आगे जाकर महाराष्ट्र में निखिल वागळे समान स्वयं को आधुनिकतावादी पत्रकार, राष्ट्रवादी कांग्रेस के जितेंद्र आव्हाड भी सनातन धर्म समाप्त करने की भूमिका का समर्थन करने के साथ ही ‘सनातन धर्म देश को लगी दीमक है’, इस प्रकार की विषैली टिप्पणी कर रहे हैं । इस प्रकार ‘हेट स्पीच’ करनेवालों पर अबतक कार्रवाई क्यों नहीं ? ऐसा वक्तव्य हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने किया । बीड शहर के नगर रोड, शासकीय विश्रामगृह में १३ अक्टूबर को हुई पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे । इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. अजित चौधरी भी उपस्थित थे ।

श्री. रमेश शिंदे आगे बोले, ‘‘दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय ने २८ अप्रैल २०२३ को दिए आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि कोई ‘हेट स्पीच’ कर किसी भी समाज की भावना आहत करने का प्रयत्न करेगा, तो सरकार को उसपर परिवाद करनेवाले की प्रतीक्षा न करते हुए स्वयं ही प्रथम दर्शनी अहवाल (FIR) प्रविष्ट करना चाहिए । इसमें सरकार के विलंब करने पर उसे मा. सर्वोच्च न्यायालय का अनादर माना जाएगा । इतना स्पष्ट आदेश होते हुए भी इस १०० करोड के समाजवाले सनातन धर्म के विरोध में वक्तव्य करनेवालों पर अब तक अपराध क्यों नहीं प्रविष्ट हुआ ? इसलिए सनातन धर्म की रक्षा के लिए एवं सनातन धर्म नष्ट करने के विषय में ‘हेट स्पीच’ करनेवालों के विरोध में ‘मैं सनातन धर्मरक्षक’ इस अभियान को सर्वत्र चलाया जा रहा है । इसके अंतर्गत सनातन धर्मियों में जागृति करनेवाले व्याख्यान-बैठक लेना, इसके साथ ही ‘हेट स्पीच’ करनेवालों के विरोध में अपराध प्रविष्ट करना, इसप्रकार की कार्रवाई की जानेवाली है ।’

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