म्यांमार में रोहिंग्या समूह द्वारा 99 हिंदुओं का नरसंहार अंतरराष्ट्रीय अपराध की श्रेणी में आ सकता है। यह बात वहां गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कही।
म्यांमार के लिए स्वतंत्र जांच तंत्र (आईआईएमएम) के प्रमुख निकोलस कौमजियान से एमनेस्टी इंटरनेशनल ने साल 2017 में हुए अत्याचार के बारे में पूछा। इस पर कौमजियान ने कहा कि जिस घटना के बारे में आप बात कर रहे हैं, वो वास्तव में बहुत गंभीर है। करीब 100 लोगों का नरसंहार स्पष्ट रूप से बहुत डरावना है और यह अंतरराष्ट्रीय अपराध की श्रेणी में आ सकता है।
In 2017, Rohingya terrorists killed 99 Hindus including 23 children in Myanmar (execution-style killing)
They abducted 8 Hindu women & forced them to convert religion. And, they took those women to Rohingya camp in Bangladesh
Never forgive, never forget Kha Maung Seik massacre pic.twitter.com/PpLwUlfGu4
— Anshul Saxena (@AskAnshul) October 25, 2023
तीन साल पहले की पुष्टि पर अब बयान
एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा नरसंहार की पुष्टि करने के तीन साल बाद संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का बयान आया है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि हिंदुओं के खिलाफ कई अपराधों में से सिर्फ एक को स्वीकार करने वाला यूएन का यह पहला बयान है। एक पत्रकार ने संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता से पूछा, ‘क्या आप राज्य में बदमाशी तत्वों द्वारा किए अन्य अपराधों की भी जांच कर रहे हैं। जैसे- एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अगस्त 2017 में 99 हिंदुओं के नरसंहार की पुष्टि की थी। क्या आपके पास इस बारे में रिपोर्ट करने के लिए कुछ है?’
कार्रवाइयों पर रख रहे नजर
उन्होंने कहा, ‘हम गैर-राज्य तत्वों की कार्रवाइयों पर नजर रख रहे हैं और वह विशेष घटना बहुत गंभीर और ध्यान देने योग्य है। जिस घटना के बारे में आप बात कर रहे हैं, हम उसके बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। हालांकि, मैं इसमें नहीं जाऊंगा क्योंकि मैं उन सभी घटनाओं को सूचीबद्ध नहीं करता हूं जिन पर हम काम कर रहे हैं।’
अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी ने लोगों की ली थी जान
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने अगस्त 2017 में म्यांमार के राखीन राज्य के अंदर 99 हिंदुओं – महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की हत्या कर दी थी और कई हिंदू ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था। एआरएसए का नेतृत्व कराची में जन्मा रोहिंग्या अताउल्लाह अबू अम्मार जूनुनी कर रहा है।
बता दें कि, म्यांमार में अन्य अत्याचारों की तरह हिंदुओं के नरसंहार पर अधिक अंतरराष्ट्रीय ध्यान या निंदा नहीं हुई है।
स्रोत : अमर उजाला