भारत के कट्टरपंथी इस्लामी आतंकी संगठन हमास द्वारा किए गए हमले के बाद से खुलकर इजरायल का विरोध कर रहे हैं। वो फिलिस्तीन के नाम पर हमास का समर्थन कर रहे हैं। कई तो इजरायल के सर्वनाश की कामना भी कर रहे हैं। इस तरह की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें फिलिस्तीन का समर्थन किया जा रहा है।
कुछ दिनों पहले भारतीय मुस्लिम और वामपंथी सांसदों का एक दल फिलिस्तीनी दूतावास पहुंचा था और उसे समर्थन दिया था। इसके बाद अब अमीना शेख नाम की एक महिला फिलिस्तीनी दूतावास पहुंची और वीजा की मांग करने लगी। महिला का कहना है कि वो फिलिस्तीन जाकर अपने ‘धर्म वालों के लिए’ इजरायल के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। अगर उसकी जान भी चली जाए तो कोई परवाह नहीं।
खोल दी जाएं फिलिस्तीन-इजरायल की सरहदें
अमीना शेख नाम की महिला ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं अपॉइंटमेंट लेने आई थी सर से। मुझे फिलिस्तीन जाना है तो मैं वीजा के लिए अप्लाई करने आई थी। कुछ इश्यू की वजह से वीजा नहीं हो पा रहा है। मैं आप लोगों (मीडिया) के माध्यम से सरकार से कहना चाहती हूं कि फिलिस्तीन की सरहदें हिंदुस्तानी मुस्लिमों के लिए खोल दी जाएं।”
जब अमीना से पूछा गया कि वह फिलिस्तीन क्यों जाना चाहती हैं तो उसने कहा, ”मैं क्यों जाना चाहती हूँ ? क्या आप लोग नहीं देख रहे कि वहां फिलिस्तीन में क्या हो रहा है? आप लोग तो न्यूज वाले लोग हैं ? क्या आप नहीं देख पा रहे हैं कि वहां किस तरह से बच्चों को मारा जा रहा है और फिलिस्तीन की स्थिति कितनी गंभीर है ?”
A muslim woman approaches Government of India with appeal to allow people of her community to go to Gaza and fight against Israel, Says we don't value death.
Why is Govt stopping them? pic.twitter.com/wNfN1DzpuF
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) October 27, 2023
इस्लाम में जान की कोई कीमत नहीं
जब पूछा गया कि क्या उसे अपनी जान का डर है तो उसने कहा, “भाई, मैं जिस मजहब से आती हूँ न, उसमें जान की कोई कीमत नहीं है। जान की कीमत से वो डरे, जो एक ही बार में खत्म हो सकता है। हम नहीं डरते। तो जान जो है न… देखिए, मौत जो है न बिस्तर पे भी आती है। जो ऐसी जंग लड़ते हैं न, उसे तारीख और इस्लाम याद रखता है।”
गाजा के लिए अपनी तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए महिला ने कहा, ”मैं यहाँ पूरी तैयारी के साथ आई हूँ। मैं अपने पासपोर्ट सहित अपने सभी दस्तावेज़ साथ लाई हूँ। मैं प्रधानमंत्री से भारत के लोगों के लिए दोनों देशों की सीमाएँ खोलने का आग्रह करती हूँ।”