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एलन मस्क ने खोला जॉर्ज सोरोस का कच्चा चिट्ठा, कहा- ‘चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर करना चाहता है वामपंथी अरबपति, मानवता से करता है घृणा’

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने रेडियो होस्ट जो रोगन के साथ मंगलवार (31 अक्टूबर) को 2 घंटे 40 मिनट लंबे पॉडकास्ट पर बात की। इस दौरान मानव सभ्यता को खतरे में डालने के लिए वामपंथी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर हमला भी बोला।

एलन मस्क ने कहा, “मेरी राय में, (सोरोस) मूल रूप से मानवता का दुश्मन है, घृणा करता है। वह ऐसे काम कर रहा है जो सभ्यता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।” एलन मस्क ने जिला अटॉर्नी (डीए) की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए सोरोस की आलोचना की, जो अपराधियों पर मुकदमा चलाने से इनकार करते हैं, जिससे प्रमुख अमेरिकी शहरों में  अपराधियों की संख्या बढ़ती है।

टेस्ला के सीईओ ने कहा, “ऐसे जिला अटॉर्नी (डीए) का चुना जाना जो अपराधियों पर मुकदमा चलाने से इनकार करते हैं… यह सैन फ्रांसिस्को, एलए और कई अन्य शहरों में प्रमुख समस्या का हिस्सा है। तो आप ऐसा क्यों करेंगे? वह अन्य देशों में भी इसी तरह की चीजों को आगे बढ़ा रहे हैं।

एलन मस्क ने कहा, “जॉर्ज इस समय काफी बूढ़े हो चुके हैं… लेकिन वह मध्यस्थता करने में माहिर हैं। यह सबको पता है कि उसने ब्रिटिश पाउंड को नुकसान पहुंचाया था… मुझे लगता है कि इसी तरह से उसने शुरूआती पैसा कमाया।” उन्होंने संकेत दिया कि कैसे वामपंथी अरबपति अपने पैसे के दम पर स्थानीय चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर करे हैं।

एलन मस्क ने आगे कहा, “सोरोस को पता है कि वास्तव में कानूनों को बदलने की ज़रूरत नहीं है, आपको बस उन्हें लागू करने के तरीके बदलने की ज़रूरत है… यदि कोई भी कानूनों को लागू करने के सही तरीके को नहीं चुनता है, या कानूनों को अलग-अलग तरीके से लागू किया जाता है, तो यह कानूनों को बदलने जैसा ही है।”

यह पहली बार नहीं है कि उन्होंने घोर वामपंथी अरबपति सोरोस को लताड़ा है। बल्कि इसी साल मई की शुरुआत में भी एलन मस्क ने दोहराया था कि जॉर्ज सोरोस मानवता से घृणा करते हैं। “आप मानते हैं कि वे अच्छे इरादे हैं। तो ऐसा नहीं हैं। वह सभ्यता के ताने-बाने को नष्ट करना चाहते हैं। सोरोस को मानवता से नफरत है।”

दरअसल, जॉर्ज सोरोस को लोकतंत्र को नष्ट करने, शासन में बदलाव लाने और मतदाताओं की स्वतंत्र निर्णय लेने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर उथल-पुथल के लिए जाना जाता है।

बता दें कि एलन मस्क द्वारा ट्विटर के अधिग्रहण के बाद जारी किए गए आंतरिक दस्तावेजों से यह बात साफ़ हो गई थी कि हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (ओएसएफ) द्वारा वित्त पोषित एक समूह (फर्स्ट ड्राफ्ट न्यूज) ने जो बाइडेन की कहानी को दबाने में मदद की थी।

अकेले इसी कदम ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे पर असर डाला  था। पिछले साल मई में भी OSF द्वारा वित्त पोषित 2 लॉ फर्मों ने (फ्री प्रेस और मीडिया मैटर्स फॉर अमेरिका) ने प्रमुख कॉर्पोरेट ब्रांडों को ट्विटर पर विज्ञापनों को फंडिंग करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए लिखा था।

अकेले इस कदम ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे पर असर डाला। पिछले साल मई में, OSF द्वारा वित्त पोषित 2 वकालत समूहों (फ्री प्रेस और मीडिया मैटर्स फॉर अमेरिका) ने प्रमुख कॉर्पोरेट ब्रांडों को ट्विटर पर विज्ञापनों को वित्त पोषित करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए लिखा था।

जॉर्ज सोरोस और उनका भारत विरोधी एजेंडा

भारत 2023 की शुरुआत से ही सभी मोर्चों पर ‘वैचारिक युद्ध’ लड़ रहा है। इस साल 16 फरवरी को, जॉर्ज सोरोस ने अडानी-हिंडनबर्ग विवाद का फायदा उठाया और भारत की मोदी सरकार पर तीखा हमला किया।

उन्होंने दावा किया, ”मोदी और बिजनेस टाइकून अडानी करीबी सहयोगी हैं। उनकी किस्मत आपस में जुड़ी हुई है…अडानी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार से फंड जुटाने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रही। अडानी पर स्टॉक में हेराफेरी का आरोप है। जिससे उनका स्टॉक ताश के पत्तों की तरह ढह गया।

सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे।”

स्रोत : ऑप इंडिया

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