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करीमगंज (असम) में २०० वर्ष प्राचीन शिव और नारायण मंदिर को अज्ञात लोगों ने पेट्रोल डालकर जलाया

असम के करीमगंज के रतबारी इलाके में 200 साल पुराना एक मंदिर जलकर राख हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों में तनाव फैल गया है। यह घटना रतबारी के सुदूर आदिवासी गांव दामसरा में हुई है जो रतबारी के ररेसरा गांव में स्थित है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रात के अंधेरे में शरारती तत्वों ने सदियों से प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर में आग लगा दी। ऐसा माना जाता है कि 1800 के दशक की शुरुआत में, स्वर्गीय देवी राम बर्मन ने आदिवासी गांव में इस मंदिर की स्थापना की थी, जहाँ शिव पार्वती और लक्ष्मी नारायण की मूर्तियाँ श्रद्धा का स्थान थीं। पीढ़ियों से यह पवित्र स्थान जनजातीय पूजा का केंद्र रहा है।

वहीं इस मामले में गांव की परेशान महिलाओं का आरोप है कि उपद्रवियों ने आदिवासी हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए जानबूझकर मंदिर में आग लगाई है और वे दोषियों के लिए उचित सजा की मांग कर रही हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पहले भी दो समुदायों के बीच भूमि विवाद के कारण रतबारी क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव रहा है और दोनों समूह उस भूमि पर अपना दावा करते हैं तो पुलिस इस एंगल से भी जाँच कर रही है।

मंदिर को जलाए जाने की खबर जैसे ही प्रशासन को हुई जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुँच गए। इसके साथ ही व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।

बता दे कि यहां आदिवासी वन विभाग की अनुमति से सदियों से गांव में निवास कर रहे हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों के अनुसार, हाल के वर्षों में तनाव बढ़ गया है क्योंकि अन्य समुदायों के लोग कथित तौर पर जबरन जमीन पर दावा करना चाहते हैं। ऐसे में अज्ञात उपद्रवियों द्वारा भगवान शिव और भगवान लक्ष्मी नारायण का मंदिर में आग लगाने से आदिवासी लोग परेशान हैं।

इस मामले में दुल्लाबचेरा मंडल में भाजपा पार्टी का नेतृत्व करने वाले जीतेंद्र लाल रॉय ने कहा कि यह कृत्य बहुत गलत है। उन्होंने आरोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के साथ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम करने प्रयास करने की बात कही।  साथ ही भाजपा के जिला अध्यक्ष सुब्रत भट्टाचार्य ने कहा कि मंदिर तोड़ने वाले लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए। उन्होंने पुलिस प्रमुख पार्थ प्रतिम दास से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा।

वहीं पुलिस को मंदिर में तीन बड़े डिब्बे मिले हैं। जिससे ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि इन डिब्बों में मंदिर को जलाने के लिए पेट्रोल लाया गया था। पुलिस इस पर हर तरफ से नजर रख रही है और इसमें शामिल सभी लोगों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

एसपी पार्थ प्रतिम दास ने कहा कि वे हर चीज की सावधानीपूर्वक जाँच कर रहे हैं। उन्होंने सभी से कहा कि जो कुछ हुआ उसके बारे में कोई भी अफवाह न फैलाएं।

स्रोत : ऑप इंडिया

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